बस स्टैंड पर बैठे-बैठे हो गई दारोगा की मौत

0

राजधानी के वजीरगंज थाना क्षेत्र के कैसरबाग बस अड्डे पर उस वक्त लोगों में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला, जब एक दारोगा (sub inspector) की कुर्सी पर बैठे-बैठे अचानक उनकी मौत हो गई। जिसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में पास के बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया लेकिन इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक फुटेज सीसीटीवी में कैद हुई हैं, जिसमें पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

बरेली निवासी दारोगा सत्यवीर सिंह वर्षीय फैजाबाद से वीआईपी ड्यूटी कर सुबह करीब 3:02 बजे लखनऊ पहुंचे थे। दारोगा कुर्सी पर बैठे थे और अचानक कुर्सी पर ही तड़पने लगे जिसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में पास के बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया लेकिन इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक फुटेज सीसीटीवी में कैद हुई है।

Also Read : पुलिस ने दो दिलों, दो परिवारों को मिलाकर पेश की मिसाल

मौके पर पहुंची पुलिस ने दारोगा को तत्परता से अस्पताल पहुंचाने के बजाय उसे तड़पता देखती रही। जिसके बाद दारोगा के ही गमछे से उसको टांगकर पुलिस वाले ले गए। जब एक पुलिस वाला ही पुलिस वाले के काम नहीं आया तो यह कहां की इंसानियत है।

पुलिस की लापरवाही आई सामने

दारोगा की मौत पर एक चीज देखने को मिली है कि किस तरह मौके पर पहुंची पुलिस दरोगा को तड़पता देखती रही लेकिन किसी ने भी उन्हें उठाने की जहमत नहीं कि, बल्कि लोगों को उनको उठाने के लिए काफी देर प्रयास किया जब कोई नहीं मिला तब जाकर वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हीं के अंगौछे के सहारे उनको टांग कर ले गए। इससे यह साफ होता है कि पुलिस ही पुलिस की प्रति संवेदनहीनता देखने को मिली। पुलिस ने उनको अस्पताल समय से पहुंचाया होता तो जान बच सकती थी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More