गांव में कैंसर से हो रही मौतों से प्रशासन अर्लट

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मध्य प्रदेश के एक गांव में अजीब (strange) मामला सामने आया है। इंदौर से करीब बीस किलोमीटर हरसोला गांव में कैंसर से मौते हो रही है। ये मौते कैंसर की चपेट में आने के कारण हो रही है। इस गांव में पिछले पांच सालों में कैंसर से करीब 25 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 15 की मौत हो चुकी है। इसके बाद से प्रशासन अर्लट हो गया है। प्रशासन ने करीब 9,200 की आबादी वाले गांव का विशेष सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है।

आलू के लिए फेमस है ये गांव

देश में ही नही विदेश में बिकने वाली जिस आलू की चिप्स के लोग दीवाने है वो इसी गांव में उगाया जाता है। मालवा के पठार का इलाका कम स्टार्च वाले उस आलू की खेती के लिए फेमस है। देशी ही नहीं विदेशी कंपनियां भी इस आलू को पंसद करती है।

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इंदौर से करीब 20 किलोमीटर दूर बसा हरसोला गांव कम स्टार्च वाले आलू की खेती के लिए मशहूर है। गैर सरकारी क्षेत्र के इंदौर कैंसर फाउंडेशन की मदद से कैंसर मरीजों की पहचान के लिए किया जाने वाला यह सर्वेक्षण 20 दिनों तक चलेगा।

पांच महिलाओं समेत 15 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है

फाउंडेशन के मानद सचिव दिग्पाल धारकर ने गुरूवार को बताया, ‘हमारे द्वारा सरकारी स्त्रोतों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक हरसोला गांव में पिछले पांच साल के दौरान अलग-अलग अंगों के कैंसर से ग्रसित 25 मरीज पाए गए जिनमें नौ महिलाएं शामिल हैं। इनमें से पांच महिलाओं समेत 15 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है।’

देश में कैंसर की स्थिति को लेकर किए गए विभिन्न अध्ययनों के आधार पर वरिष्ठ कैंसर सर्जन ने कहा, ‘कोई 1,800 घरों वाले हरसोला गांव में पिछले पांच साल में सामने आए कैंसर मरीजों की तादाद मेरे अनुमान के मुताबिक सामान्य स्तर से लगभग पांच गुना ज्यादा है।’ मालवा के पठार पर स्थित यह इलाका कम स्टार्च वाले उस आलू की खेती के लिए मशहूर है जो देशी-विदेशी चिप्स कंपनियों को खूब लुभाता है।

महिलाओं के स्तन कैंसर के तीन मामले शामिल हैं

धारकर ने बताया कि हरसोला में पिछले पांच साल में कैंसर के जो 25 मामले सामने आए, उनमें मुख और गले के कैंसर के आठ, पेट संबंधी कैंसर के तीन, महिलाओं के गर्भाशय से जुड़े कैंसर के पांच और महिलाओं के स्तन कैंसर के तीन मामले शामिल हैं।

इस बीच, इंदौर संभाग आयुक्त (राजस्व) राघवेंद्र सिंह ने बताया, ‘मुझे हरसोला गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि वहां कैंसर के ज्यादा मामले सामने आए हैं। हम इस गांव का विशेष सर्वेक्षण कराने जा रहे हैं, ताकि कैंसर के अन्य मरीजों की पहचान की जा सके और उनका इलाज शुरू कराया जा सके।’

यह सर्वेक्षण 20 दिन तक चलेगा

वहीं, जिला पंचायत की मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नेहा मीणा ने बताया कि अलग-अलग सरकारी विभागों के कर्मचारी इंदौर कैंसर फाउंडेशन की मदद से हरसोला गांव में कैंसर मरीजों की पहचान के लिए विशेष सर्वेक्षण शुरू करेंगे। यह सर्वेक्षण 20 दिन तक चलेगा। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर कैंसर से बचाव की रणनीति बनाई जाएगी। मीणा ने बताया, ‘हम स्तन कैंसर के प्रति हरसोला की ग्रामीण महिलाओं के बीच जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं।’

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