साउथ चाइना सी के द्वीपों पर चीन बना रहा मिलिट्री आउटपोस्ट
चीन ने साउथ चाइना सी के द्वीपों पर मिलटरी आउटपोस्ट तैयार करने में सालों लगाए हैं। एक प्रॉजेक्ट ने चीन को उनके पड़ोसी देशों और अमेरिका के मुकाबले काफी अलग कर दिया है। चीन के इस निर्माण पर दुनिया के कई देशों की नजर है। चीन इस इलाके में सालों से निर्माण करने में जुटा है। हालांकि चीनी गतिविधियों का उसके पड़ोसी देश काफी विरोध कर रहे हैं।
साउथ चाइना सी में चीन फिलहाल जो प्रॉजेक्ट बना रहा है उसके लिए उनसे काफी तैयारी की है। सबसे पहले, समुद्र के किनारों से मलबा निकाला और पास की बंजर जमीन पर फेंक दिया। इसके बाद नंबर आया बिल्डिंग का। इसमें एक बार कहा गया कि यह नागरिक प्रयोजनों के लिए है, लेकिन अब विश्लेषकों का कहना है कि ये छोटे मिलिटरी इंस्टॉलेशन्स हैं। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा हुई। लेकिन निर्माण जारी है। अब इस समूह के द्वीपों को स्प्रैटलीज के नाम से जाना जाता है, जहां चीन ने 2013 में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य शुरू किया था, यह जगह अब बंजर जमीन से मिलिटरी आउटपोस्ट में तब्दील हो गई है। इसकी नई तस्वीरों में सह साफ देखी जा सकती है।
फिलिपींस के एक अखबार ने अनाम सूत्र से ये तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि काम किस स्तर पर हो रहा है। पेंटागन और फिलिपींस मिलिटरी ने इन तस्वीरों पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया है। न्यू यॉर्क टाइम्स ने भी स्वतंत्र रूप से इन तस्वीरों की पुष्टि नहीं की है, बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें जून 2016 से दिसंबर 2017 के बीच की हैं।
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वहीं साउथ चाइन सी के जानकारों का कहना है कि ये तस्वीरें काम पर निगरानी रखने के उद्देश्य से सैटलाइट के जरिए ली गई लगती हैं। वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऐंड इंटरनैशनल स्टडीज के एशिया मैरीटाइम ट्रांसपैरेंसी इनीशिएटिव के रिसर्च असोसिएट कॉनोर कोरोनिन का कहना है कि नई तस्वीरों में बिल्डिंगें उसी स्केल की हैं, जैसी इस क्षेत्र से उनके ग्रुप ने पहले भी ली हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन तस्वीरों में जरूरी सतही स्तर की भी पूरी जानकारी है। उन्होंने कहा, ‘ये सार्वजनिक रूप से देखने के लिए दुर्लभ शॉट हैं। यह एक और संकेत है कि वहां सुविधाओं कितने अच्छे से विकसित किया गया है और किस तरह की क्षमता का निर्माण वहां होने वाला है।’
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स्प्रैटलीज के विकास पर उन पड़ोसी देशों ने भी नाराजगी जताई है, जो उन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं। अलग-अलग ढंग से फिलिपींस, ताइवान, वियतनाम और मलयेशिया इन हिस्सों पर अपना दावा करते हैं।
‘मिसचीफ रीफ’ जो कभी पूरी तरह पानी में था, वहां 1379 एकड़ इलाके को चीन ने विकसित कर लिया है। ली गई तस्वीरों में करीब 2 मील का रनवे और बिल्डिंगें साफ देखी जा सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वे अब इन बाहर के रनवे से ऑपरेट करेंगे। जब 10 देशों के आसियान समूह में समुद्र में निर्माण के लिए कोड ऑफ कंडक्ट की बात की जा रही थी, उस समय चीन का निर्माण जारी था।
(साभार-नवभारत टाइम्स)