करोड़ों की सरकारी योजनाएं और भूख से मौत
जिस देश में गरीबों के लिए करोड़ों की योजनाएं चलाने का दावा किया जाता हो। उस देश में रोटी की चाहत में लोग दम तोड़ दे। क्या ऐसे ही बढ़ेगा इंडिया। ताजा मामला झारखंड के रामगढ़ जिले से सामने आया है। जहां कथित तौर पर भूख के कारण विलुप्तप्राय बिरहोर आदिवासी समुदाय के एक शख्स की मौत हो गई। इस महीने राज्य में भूख के कारण हुई यह तीसरी मौत है जबकि राज्य सरकार ने एक बार फिर कहा है कि इसके पीछे कारण भूख नहीं है।
सरकारी अनाज न मिलने से मौत
मंडू ब्लॉक के चिंतामणि मल्हार की मौत बुधवार को गई। उनके बेटे विदेशी मल्हार ने बताया कि कई दिन से घर में कुछ खाने के लिए नहीं था और उनके पिता की भूख से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि उनका राशन कार्ड भी नहीं बना है।
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घटना के बाद सर्कल ऑफिसर लल्लन कुमार और ब्लॉक डिवेलपमेंट ऑफिसर मनोज कुमार गुप्ता मल्हार के घर गए और 15 किलो चावल और 5000 रुपये का चेक दिया। कुमार ने भूख के कारण मौत की बात खारिज की।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को बैठक की
मल्हार की पड़ोसी करिश्मा देवी ने भी बताया कि उनकी मौत भूख के कारण हुई। उन्होंने कहा कि कई लोगों को राशन कार्ड जारी कर दिए गए हैं लेकिन फिर भी उन्हें सरकार से अनाज नहीं मिलता। उधर, खाद्य, जनवितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को बैठक की। समिति के सदस्य अशरफी नंद प्रसाद ने बताया कि पैनल ने अपनी रिपोर्ट फाइनल कर ली है और सरकार को बुधवार को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मौतों के पीछे के तथ्यों की जांच के लिए टीम भेजी जाएगी।
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