SP नेता के खिलाफ FIR, राज्यमंत्री होने का करता था दावा

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एसपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। समाजवादी युवजन सभा के नेता कुंवर अम्मार अहमद जो खुद को सहारनपुर से राज्यमंत्री बनाए जाने का फर्जी दावा करता था। बीजेपी के जिलाध्यक्ष की शिकायत पर पहले सहकारिता विभाग के सचिव अजय चौहान ने पूरे मामले की जांच करवाई। जांच में नियुक्ति पत्र, सचिवालय पास और सचिवालय का कार पास फर्जी पाया गया।

सहकारी संघों में निदेशक नामित नहीं बल्कि निर्वाचित होते हैं

सहकारिता सचिव अजय चौहान ने बताया कि कुंवर अम्मार अहमद नामक युवक ने जिस नियुक्ति पत्र का उल्लेख सोशल मीडिया के जरिए किया, वह फर्जी है। नियुक्ति पत्र जारी होने की तारीख 12 जून बताई गई है। इसे प्रमुख सचिव (हरिराज किशोर) की ओर से जारी होना बताया गया है, जबकि हरिराज किशोर अपर मुख्य सचिव हैं। यही नहीं वह बीमार हैं और पिछले 15 दिनों से उनका पीजीआई में इलाज चल रहा है।इसके अलावा सहकारी संघों में निदेशक नामित नहीं बल्कि निर्वाचित होते हैं।

मेरठ पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं

अजय ने बताया कि जिस संघ (उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामोद्यौगिक कृषि यंत्र एवं अनाज दाल प्रशोधन आपूर्ति विपणन संघ) का उल्लेख किया जा रहा है, उसका अस्तित्व ही नहीं है। अजय चौहान ने बताया कि जांच में सचिवालय का प्रवेश पत्र और वाहन पास भी फर्जी मिले हैं। सचिवालय पास पर भी संदर्भ प्रमुख सचिव सहकारिता लिखा है, जबकि विभाग में अपर मुख्य सचिव सहकारिता हैं। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मेरठ पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

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खुद को एक विभाग का डायरेक्टर और राज्यमंत्री बताने वाला अम्मार अहमद मामला दर्ज होने के बाद से नदारद है। पुलिस उसकी संभावित ठिकानों पर तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक अम्मार गुरुवार शाम से ही नदारद है। उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है। उसके खिलाफ सहारनपुर के कोतवाली देहात में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।

पत्र विभाग के प्रमुख सचिव हरिराज किशोर की तरफ से जारी होने का दावा

सहारनपुर की रामपुर विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी युवजन सभा के पूर्व अध्यक्ष अम्मार अहमद ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामोद्यौगिक कृषि यंत्र एवं अनाज दाल प्रसोधन आपूर्ति विपणन संघ का निदेशक होने का दावा किया था। दावे की मजबूती के लिए एक पत्र की प्रति भी अपलोड की थी। यह पत्र विभाग के प्रमुख सचिव हरिराज किशोर की तरफ से जारी होने का दावा किया गया था।

गुरुवार को अम्मार लखनऊ से सहारनपुर पहुंचा तो उसके पास सरकारी गाड़ी थी और गनर भी थे। वहां अम्मार का जोरदार स्वागत हुआ। वहीं, सहारनपुर के सांसद और विधायक से लेकर जिलाध्यक्ष तक के पास ऐसी कोई सूचना लखनऊ से नहीं पहुंची थी, जिसमें सहारनपुर के किसी व्यक्ति को किसी विभाग का डायरेक्टर बनाए जाने की बात कही गई हो।

जिलाधिकारी और एसएसपी को भी ऐसी कोई सूचना नहीं थी। बीजेपी के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र कश्यप इस मामले को लेकर एसएससी बबलू कुमार से मिले थे और पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की थी। मामले पर सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा, ‘इस तरह का कोई संघ सहकारिता विभाग में नहीं है। जालसाजी के लिए यह तथाकथित संघ बनाया गया है। जिस डीके शुक्ला के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं, इस नाम का कोई अधिकारी या कर्मचारी विभाग में नहीं है। पुलिस मामले की जांच करेगी।’

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