अंबानी की कंपनी के राफेल में केवल 10 फीसदी ऑफसेट निवेश
राफेल विवाद में दसॉ एविएशन कंपनी के सीईओ के हालिया बयान के बाद एक नया मोड़ आ गया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि अनिल अंबानी की कंपनी के राफेल में केवल 10 फीसदी ऑफसेट निवेश हैं। सीईओ एरिक ट्रेपियर ने कहा कि कंपनी 100 भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है।
फ्रांस की वेबसाइट मीडियापार्ट ने यह स्टेटमेंट छापा है। वेबसाइट पर दसॉ मैनजेमेंट और इसके कर्मियों के प्रतिनिधियों के बीच के हुई एक मीटिंग के नोट्स का हवाला दिया गया है।
10% ऑफसेट निवेश का प्रतिनिधित्व करता है
ट्रेपियर ने साफ कहा है कि रिलायंस के साथ दसॉ एविएशन का संयुक्त उपक्रम राफेल लड़ाकू विमान करार के तहत करीब 10% ऑफसेट निवेश का प्रतिनिधित्व करता है। ट्रेपियर ने कहा, ‘हम करीब 100 भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिनमें करीब 30 ऐसी हैं जिनके साथ हमने पहले ही साझेदारी की पुष्टि कर दी है।
राफेल विवाद’ पर ‘पर्दा डालने’ की कोशिश की थी
गुरुवार को पेरिस में अलग से एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के इस दावे को दोहराया कि उसे कोई भनक नहीं थी कि दसॉ एविएशन अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप के साथ गठजोड़ करेगा। मीडिया में आई कई खबरों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मेदी ने दसॉ को मजबूर किया था कि वह रिलायंस को अपने साझेदार के तौर पर चुने जबकि राफेल विवाद’ पर ‘पर्दा डालने’ की कोशिश की थी।
राफेल विवाद’ पर ‘पर्दा डालने’ की कोशिश की थी
इससे पहले फ्रांस की तीन दिन की यात्रा पर गईं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे पर टिप्पणी की है। पेरिस में एक ब्रीफिंग के दौरान सीतारमण ने मोदी सरकार के इस दावे को दोहराया कि उन्हें कोई भनक नहीं थी कि दसॉ एविएशन, अनिल। अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप के साथ गठजोड़ करेगा। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री की फ्रांस यात्रा को ‘राफेल विवाद’ पर ‘पर्दा डालने’ की कोशिश की थी।
सीतारमण ने कहा, ‘हम बहुत स्पष्ट हैं। फ्रांस की सरकार के साथ हमने उड़ने की स्थिति में 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने का समझौता किया था। सरकारों के बीच हुए समझौते में व्यक्गित फर्मों का कोई उल्लेख नहीं होता। साभार
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