भदोही : कालीन कारखाने से मुक्त कराए गए 14 बाल श्रमिक

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कालीन नगरी भदोही के एक एनजीओ के सहयोग से 14 बाल श्रमिकों को एक कालीन कारखाने से मुक्त कराया गया है। सभी बच्चों से कालीन कारखाने में कालीन की बुनाई का काम कराया जा रहा था। मुक्त कराये गए मासूम बच्चे बिहार के अररिया के रहने वाले है।

भदोही का कालीन उद्योग पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए पहचाना जाता है लेकिन इन खबसूरत कालीनों के निर्माण में कुछ लालची लोग महज कुछ रुपयों के लिए बच्चो का बचपन छीनने का काम कर रहे है। कालीन उद्योग की तरफ से तमाम दावे किये जाते रहे है की कालीन उद्योग में अब बाल श्रमिकों का प्रयोग नहीं हो रहा है लेकिन उसके बाद भी बाल श्रमिक कालीन कारखानों से मुक्त कराये जा रहे है।

एक एनजीओ के सहयोग से प्रशासन की टीम ने भदोही कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार से एक कालीन कारखाने से 14 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। कालीन कारखाने से मुक्त गए सभी बच्चो की उम्र 13 साल से कम बताई जा रही है। मुक्त कराये गए बाल श्रमिकों के मुताबिक उनसे 11 घंटे तक रोजाना काम कराया जाता था और मजदूरी के रूप में सिर्फ 3500 रुपया महीना ही दिया जाता था।

इन मासूमो के हाथों को देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है की इन मासूमो से किस तरह से कालीन की बुनाई का काम लिया जाता होगा। बच्चों के हाथ और उंगलिया काम करते करते कट तक गई है। बचपन बचाओ एनजीओ की टीम को सूचना मिली थी की नई बाजार में आजम खान नाम के व्यक्ति के कालीन कारखाने पर कई बाल श्रमिकों से कालीन की बुनाई का काम लिया जा रहा है जिसके बाद प्रशासन के सहयोग से कालीन कारखाने में छापा मारकर 14 बच्चों को मुक्त कराया गया है सभी बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर मेडिकल समेत अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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