ओजस्वी वक्ता, निस्वार्थ समाज सेवक और संवेदनशील कवि अटल बिहारी वाजपेयी

0

पूरा देश आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है। 1924 में 25 दिसंबर को ग्वालियर जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिक उत्कृष्टता के शिखर तक पहुंचे।

वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया।

भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने समृद्ध विरासत छोड़ी है जो वर्षों तक याद रखी जायेगी।

विदेश मंत्री के रूप में  वाजपेयी 1977 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित करने वाले पहले राजनेता बने।

मैं भारत की जनता की ओर से राष्ट्र संघ के लिए शुभकामनाओं का संदेश लाया हूं। महासभा के इस 32वें अधिवेशन के अवसर पर मैं राष्ट्र संघ में भारत की दृढ़ आस्था को पुनः व्यक्त करना चाहता हूं।

उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक ओजस्वी वक्ता, निर्भीक पत्रकार, निस्वार्थ समाज सेवक, समर्थ लेखक और संवेदनशील कवि थे।

टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी,

अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी।

हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं

गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं।

यह भी पढ़ें: लखनऊ के हजरतगंज का नाम अब ‘अटल चौक’

यह भी पढ़ें: सौम्य राजनेता, प्रखर वक्ता, कुछ ऐसी थी अटल बिहारी वाजपेयी की शख्सियत

 

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More