महाराष्ट्र विधानसभा में सीएम उद्धव ठाकरे का बहुमत परीक्षण शनिवार को
फ्लोर टेस्ट से पहले नया प्रोटेम स्पीकर नियुक्त
महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को कल यानि शनिवार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा।
ठाकरे ने शुक्रवार को दोपहर 1 बजे कार्यभार संभाला है।
वे आज राज्य सरकार के हेडक्वार्टर गए थे।
राज्य सरकार ने इस फ्लोर टेस्ट के लिए शनिवार को विधानसभा का खास सत्र बुलाया है।
सरकार बनाने के लिए 166 विधायकों का समर्थन का दावा करने वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी से राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने 3 दिसंबर तक समर्थन पत्र जमा करने को कहा है।
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का दावा है कि 288 सीटों वाली विधानसभा में उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 166 से बढ़कर 170 हो गई है।
नए स्पीकर का चुनाव हो सकता है
माना जा रहा है कि इसी खास सत्र में विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव हो सकता है।
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक दिलीप वालसे पाटिल को कालीदास कोलंबकर की जगह राज्य विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया गया।
उद्धव बाला साहेब ठाकरे नाम की प्लेट
बता दें कि दक्षिण मुंबई स्थित राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर ‘उद्धव बाला साहेब ठाकरे नाम की प्लेट लगाई गई।
शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने गुरुवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
कुछ ही घंटों बाद, उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की।
ठाकरे शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन ‘महा विकास आघाडी की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
ठाकरे के अलावा छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें से शिवसेना, कांग्रेस और रांकापा के दो-दो नेता शामिल हैं।
शिवसेना का भाजपा को लेकर रुख बदला
उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनते ही शिवसेना का भाजपा को लेकर रुख में बदला नजर आया।
शुक्रवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना में देखते क्या हो? शामिल हो! सुराज्य का उत्सव!!’
शीर्षक से संपादकीय लिखा गया।
इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उद्धव का बड़ा भाई बताया।
यह भी कहा कि संघर्ष और लड़ाई तो जीवन का हिस्सा है।
इससे पहले भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद से शिवसेना लगातार भाजपा पर हमलावर रही है।
‘छोटे भाई का साथ देने की जिम्मेदारी मोदी की’
सामना में लिखा, ‘‘महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा-शिवसेना में अनबन है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे का रिश्ता भाई-भाई का है।
इसलिए महाराष्ट्र के छोटे भाई को प्रधानमंत्री के रूप में साथ देने की जिम्मेदारी मोदी की है।’’
प्रधानमंत्री पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश का होता है।
इसे स्वीकार करें तो जो हमारे विचारों के नहीं हैं, उनके लिए सरकार अपने मन में राग-लोभ क्यों रखे? संघर्ष और लड़ाई हमारे जीवन का हिस्सा है।
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