पहले साफ करता था बर्तन, आज है करोड़पति

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डोसा दक्षिण भारत में बहुतायत से खाया जाने वाला व्यंजन है, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कभी ढाबे पर कप प्लेट धोने वाले शख्स को ‘डोसा’ बनाने का शौक अरबपति बना सकता है। जी हां, देश विदेश में ‘डोसा प्लाजा’ के नाम से मशहूर लगभग 70 रेस्टोरेंट चलाने वाले प्रेम गणपति को उनकी मेहनत और लगन के साथ-साथ डोसा प्रेम ने अरबपति बना दिया। डोसा प्लाजा अपने 105 तरह के डोसा फ्यूजन के चलते सात समंदर पार भी काफी लोकप्रिय है। ‘डोसा प्लाजा’ रेस्तरांओं की एक बड़ी श्रृंख्ला का नाम है।

साफ करते थे बर्तन

आपको जानकर हैरानी होगी कि डोसा प्लाजा के संस्थापक व मालिक प्रेम गणपति एक समय मुंबई के एक बेकरी में बर्तन साफ करने का काम किया करते थे। दरअसल, तमिलनाडु के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रेम अपने एक दोस्त के साथ मुंबई आए। दोस्त ने प्रेम को नौकरी दिलाने का वादा तो किया, लेकिन स्टेशन पर उसी दोस्त ने धोखा देकर उनका पैसा चुरा लिया, जिसके बाद मजबूरी में इस शख्स को ढाबे पर भी काम करना पड़ा।

डोसे का शौक

कुछ दिन बाद प्रेम ने ज्यादा पैसे कमाने के मकसद से रात में एक छोटे से ढाबे पर खाना बनाने का काम शुरु कर दिया। प्रेम को डोसा बनाने का बेहद शौक था और इसी शौक के चलते ढाबा मालिक ने प्रेम को डोसा बनाने का ही काम सौंपा। रात-दिन की मेहनत के बाद प्रेम कुछ रुपए जमा करने में कामयाब हुए। इसके बाद उनके मन में खुद का एक छोटा-सा कारोबार शुरू करने का विचार आया।

प्रेम सागर डोसा प्लाजा

साल 1992 में प्रेम ने जो रुपये जुटाए थे उससे डोसा इडली बनाने की रेहड़ी किराए पर ले ली। डोसे की इस हाथ ठेली को लेकर वो मुंबई के वाशी रेलवे स्टेशन पर डोसा बनाने लगे। प्रेम के बनाए डोसे जल्द ही रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले छात्रों में मशहूर हो गए। 1997 में प्रेम ने 5,000 रुपए माह किराए पर एक दुकान किराए पर ली और डोसा रेस्टोरेंट खोला। रेस्टोरेंट का नाम रखा ‘प्रेम सागर डोसा प्लाजा।’ इस रेस्टोरेंट में अधिकतर कॉलेज छात्र आया करते थे।

बढ़ता गया कारोबार

प्रेम के बनाए डोसों का स्वाद ही इतना लजीज था कि वो खुशबू जगह-जगह फैलने लगी। प्रेम का कारोबार काफी तेजी से बढ़ता गया, जल्द ही उन्होंने अपने रेस्टोरेंट में 20 तरह के डोसे बनाने लगे। नए नए डोसे खाने के लिए रेस्टोरेंट में लोगों की भीड़ लगने लगी। इससे उत्साहित होकर प्रेम ने अपना रेस्टोरेंट और बढ़ा लिया और डोसों की वैराइटी पर ज्यादा ध्यान देने लगे।

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105 तरह का डोसा

लोगों की मांग पर प्रेम ने और भी नए-नए डोसों का ईजाद किया। इन नए-नए डोसों के स्वाद की चर्चा मुंबई में कुछ इस तरह हुई कि प्रेम के रेस्टोरेंट में ग्राहकों का हुजूम उमड़ने लगा। 2005 तक प्रेम ने इसी रेस्तरां में अपने प्रयोगों से 105 किस्म के डोसे तैयार कर डाले। प्रेम को अपने प्रयोगात्मक डोसों की वजह से खूब मुनाफा भी होने लगा।

विदेशों में भी धूम

लोगों की मांग को देखते हुए प्रेम ने नया रेस्टोरेंट खोला। जिसके बाद मांग बढ़ती गई तो रेस्टोरेंट भी बढ़ते गए। आज देश सहित विदेशों में डोसा वैराइटी के लिए प्रेम सागर के ‘डोसा प्लाजा’ के चर्चे हैं। भारत में डोसा प्लाजा के 45 रेस्टोरेंट हैं। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूजीलैंड, मध्यपूर्व और दुबई समेत 10 देशों में डोसा प्लाजा के रेस्टोरेंट चल रहे हैं। आज दुनिया-भर में प्रेम से डोसे लगातार मशहूर होते जा रहे हैं।

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