मां अन्नपूर्णा मंदिर-पवित्र नदियों के जल और जड़ी बूटियों से होगा कुंभाभिषेक, सीएम होंगे शामिल

50 साल के बाद मां अन्नपूर्णा मंदिर का कुंभाभिषेक कराया जा रहा

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वाराणसी स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही है. शिखर को स्वर्णमंडित कराने के साथ ही मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. मंदिर के कुंभाभिषेक के लिए देशभर की पवित्र नदियों के जल के साथ ही हिमालय की जड़ी बूटियों से कुंभाभिषेकम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शृंगेरी के शंकराचार्य भी शामिल होंगे. मां अन्नपूर्णा मंदिर के कुंभाभिषेक के शास्त्रीय विधान एक फरवरी से आरंभ होंगे. इसमें प्रथम दिवस से ही वेदों की समस्त शाखाओं का पारायण देशभर के 750 वैदिक करेंगे. इसमें पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के ब्राह्मण शामिल होंगे.

लक्षचंडी महायज्ञ के साथ ही कोटिकुमकुमार्चन

इसके अलावा अन्नपूर्णा मंदिर में लक्षचंडी महायज्ञ के साथ ही कोटिकुमकुमार्चन भी होगा. सभी पुराणों का पारायण और आयुध होम भी किया जाएगा. सात फरवरी को कुंभाभिषेक के सभी विधान होंगे. इसमें तीर्थों के जलकलश से माता के मंदिर के नवनिर्मित स्वर्ण शिखर का कुंभाभिषेक होगा. माता के मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित करने के लिए काम शुरू हो चुका है.

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 बेंगलुरू से आई हुई विशेषज्ञों की टीम कर रही काम

बेंगलुरू से आई हुई विशेषज्ञों की टीम स्वर्ण शिखर और मंदिर के जीर्णोद्धार का काम कर रही है. 3.5 करोड़ की लागत से साढ़े 11 फीट के शिखर को स्वर्ण मंडित किया जा रहा है. इसके लिए पांच दशक पूर्व मंदिर पर लगाए लाल रंग को उतारकर गोबर से तैयार पेंट लगाया जा रहा है और मंदिर की दीवारों पर सनातनी प्रतीकों को उकेरा जा रहा है. महंत शंकर पुरी महाराज ने बताया कि 50 साल के बाद मां अन्नपूर्णा मंदिर का कुंभाभिषेक कराया जा रहा है.

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कुंभाभिषेक के लिए देशभर के तीर्थों के जल के साथ ही हिमालय की जड़ी बूटियां भी आएंगी. आयोजन में शृंगेरी के शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे. इसके अलावा देशभर के विद्वानों को भी इसमें आमंत्रित किया जाएगा.

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