रेलवे के खाने के 500 से अधिक नमूने हुए फेल

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रेलवे का खाना लोगों को बीमार करने के लिए काफी है।

कारण यह कि रेलवे के विभिन्न स्थलों पर 1758 वेंडरों की खाद्य सामग्री की जांच की गई और नमूने लिए गए।

इनमें 500 से अधिक नमूने फेल हो गए।

यह जांच गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्थलों पर 1758 वेंडरों की खाद्य सामग्री की हुई और नमूने लिए गए।

इस मामले में 352 वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 231 को गुणवत्ता बेहतर करने के निर्देश के साथ चेताया भी गया है।

रेलवे करेगा कड़ी कार्रवाई

इतनी बड़ी संख्‍या में नमूने फेल होने के बाद रेल प्रशासन सख्‍त हुआ है।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार सुबह का बना समोसा और पकौड़ा शाम को बेचने वाले वेंडर पकड़े जाएंगे।

जुर्माना तो लगेगा ही लाइसेंस भी निरस्त होगा।

इसके लिए स्टेशन ही नहीं ट्रेनों में भी खाद्य सामग्री के नमूने लिए जाएंगे।

पूर्वोत्तर रेलवे ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।

खाद्य सामग्री के नमूने लिए जा रहे

पूर्वोत्तर रेलवे में अभियान चलाकर खाद्य सामग्री के नमूने लिए जा रहे हैं।

नमूना फेल होने पर तत्काल कार्रवाई भी हो रही है।

फिलहाल, जुलाई तक गुणवत्ता को लेकर छह शिकायतें मिलीं।

अनियमितता पाए जाने पर रेलवे प्रशासन ने तीन वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की है।

तीन अन्य को चेतावनी दी गई है।

ओवर चार्जिंग की कुल 35 शिकायतें मिली हैं।

28 मामलों में वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।

यात्री 139 पर शिकायत कर सकते हैं

खानपान के मामले में शिकायत के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया है।

यदि खानपान सामग्री सही नहीं है या वेंडर अतिरिक्त चार्ज ले रहा है तो यात्री रेलवे हेल्प लाइन 139 पर शिकायत कर सकते हैं।

कोच कंडक्टर से शिकायत कर सकते हैं।

कार्रवाई होगी।

 

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