जलकल विभाग के ठेकेदार ने खाया जहर, अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का दीमक अब जानलेवा होता जा रहा है। पीडब्लूडी ऑफिस के बाद अब जलकल विभाग में अफसरों की मनमानी एक ठेकेदार को भारी पड़ गया।
जलकल विभाग के ठेकेदार विनय श्रीवास्तव ने मंगलवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में विषाक्त पदार्थ खा लिया। गंभीर अवस्था में परिजनों ने उसे कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया।
हालत बिगड़ने पर डाक्टरों ने ठेकेदार को ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। फिलहाल उसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
अधिकारियों ने फर्म को किया था ब्लैक लिस्ट-
चेतगंज थानाक्षेत्र के लहंगपुर के निवासी विनय श्रीवास्तव जलकल विभाग में ठेकेदारी करते थे। पिछले साल उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया।
इसके साथ ही उनके बकाया भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर विनय डिप्रेशन में चल रहे थे। उन्होंने इस बाबत विभाग के अधिकारियों से कई बार बात की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
नहीं सुन रहे थे विभाग के अफसर-
विनय श्रीवास्तव का फर्म लंबे समय से शहर में सीवर सफाई काम से जुड़ा था। लेकिन अफसरों ने काम में लापरवाह बरतने का आरोप लगाते हुए उनके फार्म को काली सूची में डाल दिया था।
इसके चलते विनय का लाखों रुपया बकाया रह गया। वो लगातार जलकल के अधिकारियों के अलावा राज्यमंत्री से गुहार लागते रहे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में सोमवार को ठेकेदार विनय श्रीवास्तव ने विषाक्त पदार्थ खा लिया।
बेटे के मुंह से झाग निकलता देख पिता निहाल चंद श्रीवास्तव परिजनों की मदद से उसे कबीरचौरा अस्पताल लेकर पहुंचे जहां इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर वीके सिंह ने गंभीर स्थिति देखते हुए विनय को बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया है।
यह भी पढ़ें: लखनऊ: महापौर ने कर्मचारियों के लिए खोला पिटारा, 5 लाख तक बीमा
यह भी पढ़ें: लोक मंगल दिवस पर महापौर ने सुनी जनसमस्याएं