फतेहपुर: करोड़ों की योजना को जिम्मेदार लगा रहे पलीता
गंगा को स्वच्छ रखने एवं घाटों के सौन्दर्यीकरण के लिए सरकार की ओर से नमामि गंगे योजना का शुभारंभ किया गया था। इसके लिए प्रत्येक घाट के सौन्दर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपए का बजट दिया गया। करोड़ों की लागत से तैयार घाटों पर सामुदायिक शौचालय , बैठने की उचित व्यवस्था , घाट का सौन्दर्यीकरण एवं महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष की सौगात दी गई है।
इन घाटों का हुआ था कायाकल्प
इसी क्रम में सूबे के फतेहपुर जिले में नमामि गंगे योजना के तहत चार घाटों का कायाकल्प किया गया था। जिसमें आदमपुर घाट का 2.67 करोड़ , खुशरूपुर घाट का 2.6 करोड़ , हाजीपुर घाट का 3.19 करोड़ , श्री रामचंद्र घाट का 2.7 करोड़ से सौन्दर्यीकरण किया गया था। जिले के दूसरे सबसे बड़े प्रोजेक्ट यानी 2.67 करोड़ कि लागत से बने आदमपुर गंगा घाट का उद्घाटन सांसद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति द्वारा 28 फरवरी को किया गया था।
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इसके साथ ही 1.19 करोड़ कि राशि भ्रगु घाट यानी भिटौरा घाट के विकास कार्यों के लिए दी गई थी। लेकिन देखरेख के आभाव में जिम्मेदारों द्वारा करोड़ों से बने प्रोजेक्टों पर पलीता लगता दिख रहा है।
लगा रहता है ताला
बता दें जब हमारे संवाददाता आदमपुर घाट पहुंचे तो यहाँ बने सामुदायिक शौचालय एवं महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष में ताला लगा पाया गया। जब गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग जब भी आते हैं यहां ताला लगा रहता है। इसे कभी भी खुला हुआ नहीं देखा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस बाबत जब घाट की व्यवस्था देखने वाले कांट्रेक्टर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरा बेटा यहां की व्यवस्था देखता है। अभी वह स्कूल गया है इस वजह से आज ताला नहीं खोल पाया। मेरा बेटा चार महीनों से इसकी देखरेख करता है लेकिन उसे एक रूपया भी मेहनताना नहीं दिया गया इसलिए वह अब देखरेख में हीलाहवाली कर रहा है।
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