4 साल में कितने किसानों ने की आत्महत्या? सरकार को नहीं पता

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पास किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा नहीं है। लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि हमारे पास 2015 के बाद का डेटा नहीं है क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को अभी कुछ राज्यों से डेटा प्राप्त करना बाकि है।

पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि एनसीआरबी के पास डेटा आने के बाद इसकी जानकारी सदन को दी जाएगी। बता दें कि कांग्रेस सांसद तरुण गोगोई ने आरोप लगाया है कि किसानों के आत्महत्या के आंकड़े उपलब्ध नहीं करा कर सरकार डेटा छिपा रही है।

गृह मंत्रालय के उन आंकड़ों के मुताबिक जो लोकसभा के पटल पर पिछले साल रखे गए, 2016 में देश के 6,351 किसानों/खेती करने वालों ने खुदकुशी की है। यानी हर रोज 17 किसानों ने खुदकुशी की है।

अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो मालूम पड़ता है कि 2015 में यह आंकड़ा 8,007 यानि हर दिन 22 किसानों की आत्महत्या का है। इन आंकड़ों के मुताबिक खुदकुशी के आंकड़ों में 21 फीसदी की गिरावट है।

साल 2015 तक किसानों की खुदकुशी की रिपोर्ट अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो उसके वेबसाइट पर मौजूद है लेकिन 2016 से लेकर 2019 तक की कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई है।

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