सीएम योगी ने किया किसान पाठशाला का शुभारंभ, कहा – हमने दी अन्नदाता को प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश ने पिछले दो सालों में रिकॉर्ड खाद्य उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया है। यह वही प्रदेश है जहां दो वर्ष पहले किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आते थे। पहले किसानों को उपेक्षित किया जाता था लेकिन हमने किसानों को प्राथमिकता दी है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान पाठशाला का शुभारंभ करते हुए यह बातें कही।
कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि दो वर्ष पहले इसी उत्तर प्रदेश में किसान सरकारी उपेक्षा और उदासीनता के कारण कृषि से पलायन करने पर मजबूर था लेकिन आज वही हमारा अन्नदाता किसान अपने परिश्रम से प्रदेश की धरती पर सोना उगलने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि किसान पाठशाला के बीते दो संस्करणों में प्रदेश के सभी जनपदों के लगभग 15000 कृषि केंद्रों पर किसानों की आय को दोगुना करने व आधुनिक तकनीक के साथ ही कम लागत व अधिक उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
यूपी सीमए ने बताया कि देश के अंदर किसान सम्मान निधि योजना से सर्वाधिक लाभ यूपी के 1 करोड़ से अधिक किसानों को प्राप्त हुआ है। एक करोड़ से अधिक किसानों को ‘किसान सम्मान निधि’ की दो किस्तें प्राप्त हो चुकी हैं। प्रदेश के शेष किसानों के लिए भी हम व्यवस्था कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2011 से गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हुआ था। हमने प्रदेश के गन्ना किसानों को 68,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। आगे कहा कि प्रदेश की चीनी मिलें बंद नहीं होंगी। यह हमारे किसानों की आय का साधन है। हम चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ डिस्टलरी भी स्थापित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम शुगर केन से इथेनॉल बनाने की व्यवस्था करेंगे। इथेनॉल का उपयोग हम अपने वाहनों में ईधन के रूप में करेंगे। इससे बाहरी देशों पर ईधन के लिए हमारी निर्भरता भी कम होगी और यह पैसा हमारे किसान भाइयों की जेब में जायेगा।
उन्होंने जोड़ा कि हमने सत्ता संभालने के बाद पहले वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया, वहीं दूसरे वर्ष 53 लाख मीट्रिक टन और इस वर्ष अब तक 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय सीधे किसानों से किया जा चुका है।