ये पहले ही जानते थे कि होगी GDP में गिरावट
8 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंद किए गए 1000 और 500 के नोटों के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की सरकार पर आए दिन निशाना साधते दिखाई दे रहे हैं। देश में हुई नोटबंदी के बाद पूरा देश लाइनों में लग गया था। लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मौत भी हो गई। तो किसी की शादी टूट गई क्योंकि देश में आर्थिक आपात की स्थिति लोगों के सामने आ गई थी। लेकिन धीरे-धीरे हालात पर काबू पा लिया गया।
लेकिन पीएम मोदी पर हमेशा ये आरोप लगाए जाते रहे हैं कि नोटबंदी की वजह से देश की आर्थिक स्थिति को तढटका लगा है। साथ ही ये भी कहा जा रहा था कि नोटबंदी की वजह से देश की जीडीपी पर भी असर पड़ेगा। लेकिन कुछ दिन पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक देश की जीडीपी आने वाले समय में अपने बेहतर स्तर पर होगी।
लेकिन मौजूदा रिपोर्ट को देखा जाए तो देश की जीडीपी में काफी गिरावट आई है। जिसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम का कहना है कि मैने पहले ही कहा था कि नोटबंदी से जीडीपी में गिरावट आयेगी और मेरी बात सही निकली।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी नोटबंदी की वजह से आर्थिक विकास दर में आई गिरावट को लेकर सरकार पर प्रहार करते हुए आंकड़ों में हेरा-फेरी का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में जीडीपी दर गिरकर 6.1 फीसद आने से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आशंका सच साबित हुई है।
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मनमोहन ने नोटबंदी की वजह से आर्थिक विकास दर में दो फीसद गिरावट का अनुमान जताया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विकास दर घटने पर सरकार को आडे़ हाथ लेते हुए कहा है कि जीडीपी में गिरावट और नौकरियों में आ रही भारी कमी हकीकत है। इस हकीकत से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए ही बाकी सारे विवादित मुद्दों को उछाला जा रहा है।
कांग्रेस नेता पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जीडीपी के ताजा आंकड़ों पर ट्वीट करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में गिरावट की शुरुआत तो जुलाई 2016 में ही हो गई थी। नोटबंदी ने इस स्थिति को और खराब कर दिया।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समय जीडीपी में गिरावट डेढ़ फीसद तक की उनकी आशंका बिल्कुल सही साबित हुई है। चिदंबरम ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 की आखिरी तिमाही का आंकड़ा देखें तो जीडीपी में गिरावट 3.1 फीसद है।
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