यूपी बोर्ड परीक्षा : अब तक 6 लाख छात्र छात्राओं ने छोड़ी परीक्षा
यूपी बोर्ड की दसवीं और बारवी की परीक्षाएं सात फरवरी से शुरु हो चुकी हैं। योगी सरकार ने नकलमाफियों की नकल कसते हुए खास सख्ती बरती है। इसी के चलते अब तक छह लाख छात्र छात्राएं यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा छोड़ चुके हैं।
माना जा रहा है कि इस बार शिक्षा विभाग की सख्ती के चलते नकल माफियाओं ने परीक्षा से दूरी बनाई हुई है।
यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के एग्जाम 7 फरवरी को शुरू हुए थे, जो 2 मार्च को खत्म होंगे। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया, ‘इस साल नेपाल और आसपास के राज्यों से रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों की संख्या में भी कमी आई है।
ये लोग नकल के चक्कर में यहां आते थे, मगर सख्ती के चलते ऐसे छात्रों की संख्या में भारी कमी आई है।’ उन्होंने कहा, ‘2017 में जहां ऐसे बाहरी छात्रों की संख्या 1.15 लाख थी, वह 2018 में 1.12 लाख हो गई और इस साल 2019 में यह घटकर सिर्फ 6300 रह गई है।’
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इस साल कुल 58,06,922 स्टूडेंट्स ने बोर्ड एग्जाम के लिए रजिस्टर करवाया था। इनमें से अकेले 10वीं के 31,95,603 छात्र हैं। एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षा छोड़ने वाले ज्यादातर छात्र 10वीं क्लास के ही हैं। पिछले कुछ सालों में नकल के इतिहास को देखते हुए 21 फीसदी एग्जाम सेंटर्स को संवेदनशील या अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रफेसर एमसी चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘पिछले साल करीब 11 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा छोड़ी थी। इस बार महज 9 दिनों के अंदर 6 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा छोड़ दी है। ऐसे में आखिर इतनी सख्ती का फायदा क्या हुआ? राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारनी चाहिए और मूल मुद्दे को सुलझाना चाहिए।’
कड़ी निगरानी के बावजूद पकड़े जा रहे नकलची
हालांकि सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, यूपी एसटीएफ के कड़े पहरे और बारकोडेड कॉपियों के बावजूद शुरुआती 9 दिनों में ही करीब 252 नकलची पकड़े गए हैं। शुक्रवार को 18 लड़के और लड़कियां फिजिक्स, कॉमर्स और पेंटिंग के एग्जाम में नकल करते पकड़े गए।
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