एक सीडी ने डूबो दिया एन डी तिवारी का राजनीतिक करियर
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री, देश के वरिष्ठ राजनेता नारायण दत्त तिवारी का आज गुरुवार को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। आज ही उनका जन्म दिन भी था। उनकी उम्र 92 वर्ष थी। वे काफी समय से अस्पताल में भर्ती थे। गुरुवार को दोपहर 3 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली।
अपने राजनीतिक जीवन में एनडी तिवारी जहां एक वक्त शिखर पर रहे तो वहीं एक दौर ऐसा भी आया जब उनसे उनकी ही कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर लिया था। बात सन् 2009 की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त (एनडी) तिवारी उनदिनों आंध्र प्रदेश के राज्यपाल हुआ करते थे। एक दिन टीवी पर उनकी एक कथित सेक्स सीडी सामने आई, जिसने पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया। हर तरफ उसकी चर्चा होने लगी। उस सीडी में एनडी तिवारी राजभवन में तीन महिलाओं संग आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे।
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उस वीडियो क्लिप को तेलुगू चैनल ने प्रसारित किया था। इस सीडी के सियासत ने ऐसा रंग दिखाया कि एनडी को राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर वापस लौटना पड़ा। सीडीकांड को उन्होंने अपने खिलाफ विरोधियों की साजिश बताया था। सीडी कांड के बाद कांग्रेस ने तो उसके बाद से तकरीबन उनसे पल्ला ही झाड़ लिया था। और वो एक तरह से राजनीतिक हाशिए पर चले गये थे।
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एनडी तिवारी के राजनीतिक जीवन की बात करें तो वो तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1976-77, 1985-85, 1988-89) रहे और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (2002-2007) रहे। 1979 से 1980 के बीच चौधरी चरण सिंह की सरकार में वित्त और संसदीय कार्य मंत्री रहे।
1980 के बाद योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन रहे. 1985-88 में राज्यसभा सांसद रहे। 1985 में उद्योग मंत्री भी रहे। 1986 से 1987 के बीच तिवारी प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश-मंत्री रहे। 87 से 88 फाइनेंस और कॉमर्स मंत्री भी रहे। 2007 से 2009 के बीच वो आंध्र प्रदेश के गवर्नर रहे, लेकिन एक कथित सेक्स स्कैंडल में फंसने की वजह से उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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