जब महिला के पैर में लिपटा रहा कोबरा और फिर…
बिहार के मुंगेर में ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’ वाली कहावत चरितार्थ हुआ है। कल्याण टोला में लगभग डेढ़ घंटे तक एक महिला के पांव में कोबरा लिपटा रहा। महिला जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही। वहां मौजूद लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, करे तो करे क्या।
जमालपुर प्रखंड के ईटहरी पंचायत के कल्याण टोला निवासी मनोज मंडल की पत्नी पुतूल देवी के पैर से एक कोबरा लगातार डेढ़ घंटे तक लिपटा रहा। विषैले कोबरे को पैर में लिपटा देख महिला डर से बेचैन थी, लेकिन कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। लगभग डेढ़ घंटे के बाद कोबरा महिला को बिना क्षति पहुंचाए वहां से चला गया। महिला के लिए मानो नया जीवन मिल गया।
महिला का पैर मच्छरदानी से बाहर आ गया था
घटना सोमवार की देर रात की है। पुतूल देवी अपने घर के नीचे जमीन पर मच्छरदानी लगकार सोई हुई थी। नींद के कारण महिला का पैर मच्छरदानी से बाहर आ गया था। देर रात महिला को पैर बंधा हुआ महसूस हुआ। बिना पैर हिलाए महिला ने उठकर देखा तो एक सफेद कोबरा पैर में लिपटा हुआ फन फैलाए बैठा हुआ था।
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महिला धैर्य का परिचय देते हुए शांत भाव से पड़ी रही। मन ही मन प्रार्थना करने लगी। वह चिल्ला भी नहीं पा रही थी। मां की धीमी आवाज सुनकर अचानक उसके बेटे एतवारी कुमार और लड्डु कुमार की नींद खुली, तो उसने देखा कि मां के पैर से कोबरा लिपटा हुआ है। वह घर से बाहर निकलकर घर में सांप होने की बात कहकर चिल्लाने लगा। शोर सुनकर आस-पास के लोग वहां पहुंचे तो यह दृश्य देखकर सभी स्तब्ध रह गए।
इन्द्रजीत प्रसाद के यहां से भभुत लाकर छिड़काव भी किए
महिलाओं ने जब यह दृश्य देखा वह गीत गाने लगी। ग्रामीणों ने एक स्थानीय भगत इन्द्रजीत प्रसाद के यहां से भभुत लाकर छिड़काव भी किए।
रात के चार बज चुके थे। कोबरा ने अपनी पकड़ धीरे-धीरे ढीला करना आरंभ कर दिया। कुछ ही देर में वह सांप वहां से चला गया। घटना को लेकर पूरे इलाके में चर्चा हो रही है।साभार
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