नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस
पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने इंटरपोल से नीरव मोदी के खिलाफ यह नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था। इसे अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मान लिया था। इंटरपोल की तरफ से जारी इस नोटिस में सभी सदस्य देशों से भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को तुरंत हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने का अनुरोध किया गया है।नीरव मोदी के अलावा इंटरपोल ने उनके भाई निशाल मोदी और उनकी कंपनी के अधिकारी सुभाष परब के खिलाफ भी नोटिस जारी किया है।
पासपोर्ट रद्द होने के बाद कैसे घूम रहा नीरव
पिछले हफ्ते ही विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक के दौरान सवाल उठाए गए कि फरवरी में पासपोर्ट रद्द होने के बावजूद नीरव मोदी कैसे एक से दूसरे देश में घूम रहा है।
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इंटरपोल की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस किसी भी अपराधी को पकड़ने के लिए दुनिया भर में मान्य होता है।सीबीआई ने बताया था कि 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस में यह जानकारी दी गई थी कि भारत सरकार नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द कर रही है उसके बावजूद वह कई देशों की यात्रा करता रहा।
सेंट्रल डेटाबेस को दी गई पासपोर्ट रद्द होने की जानकारी
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था, ‘विदेश मंत्रालय ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था जिसके बाद हमने यह जानकारी डिफ्यूजन नोटिस में जोड़ दी। नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस को भी भेज दी गई, यह डेटाबेस सभी सदस्य देशों के पास उपलब्ध होता है।’
इंटरपोल ने 6 देशों जानकारी देने का किया अनुरोध
उन्होंने बताया कि सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल की ओर से डिफ्यूजन नोटिस जारी किए जाने के बाद एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क साधा जहां नीरव के जाने की आशंका थी। एजेंसी ने इन देशों से नीरव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।
एजेंसी ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को यूनाइटेड किंगडम की इंटरपोल कॉर्डिनेशन एजेंसी को ये रिमाइंडर भेजे। इसी तरह के रिमाइंडर अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएई और फ्रांस की एजेंसियों को भी भेजे गए।