भय्यू जी आत्महत्या केस : अलग है दोनो सुसाइड नोट की लिखावट!
भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ आ गया है। पुलिस को दूसरा सूसाइड नोट बरामद हुआ है उसकी लिखावट पहले वाले सुसाइड नोट से मैच नही हो रही है। इतना ही नहीं पुलिस को सुसाइड नोट अलग अलग पेन से लिखे जाने की भी आशंका जताई है।
दूसरे सुसाइड नोट में मालिकाना हक के बारे में लिखा था
आपको बता दें कि दूसरे सुसाइड नोट में भय्यूजी महाराज ने अपनी पूरी संपत्ति और बैंक खातों का मालिकाना हक अपने 15 साल पुराने भरोसेमंद सेवादार विनायक के नाम कर दिया है। हालांकि इस कथित सुसाइड नोट पर सवाल भी उठ रहे है। पहले मिले सुसाइड नोट में भय्यू जी ने तनाव से तंग आकर जान देने की बात लिखी थी, जबकि दूसरे नोट में महाराज ने अपनी पूरी संपत्ति और बैंक खातों का मालिकाना हक सेवादार विनायक को दिया है।
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भय्यू महाराज के श्री सद् गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की देशभर में करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है। ट्रस्ट में 11 ट्रस्टी और 700 से ज्यादा आजीवन सदस्य हैं, जिनमें 95% से ज्यादा महाराष्ट्र से हैं। वहीं, महाराज ने सुसाइड नोट में जिस विनायक को अपना उत्तराधिकारी बताया है, वह भी ट्रस्टी है। विनायक 1996 में यानी 21 साल पहले आश्रम में भय्यू महाराज के दर्शन करने आया था। तीन घंटे इंतजार के बाद महाराज से मिलकर इतना प्रभावित हुआ कि आश्रम का नियमित सेवादार बन गया।
इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं ?
महाराज की मां का ध्यान वही रखता था। सूत्रों का कहना तो यह भी है कि महाराज को बेटी से नहीं मिलने देने की साजिश की जा रही थी। इसी वजह महाराज सोमवार को बेटी से मिलने के लिए पुणे रवाना हो चुके थे, लेकिन बीच रास्ते से ही लौट आए। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि किसी ने ऐसी साजिश तो नहीं रची कि वे बेटी से नहीं मिल सकें। वहीं, महाराज के दो सुसाइड नोट की कहानी फर्जी निकली है।
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