पाक के नए आदेश पर चीन ने साधी चुप्पी

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गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाक के नए आदेश पर उसके मित्र चीन ने चुप्पी साध ली है। लेकिन चीन ने यह कहा है कि इस विवादित क्षेत्र से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की वजह से कश्मीर मुद्दे पर पेइचिंग के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा। यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच ही सुलझना चाहिए।

अधिकारों को सीमित करने की कोशिश की गई है

बता दें कि 21 मई को पाकिस्तानी सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर एक नया आदेश पारित किया है, जिसके तहत इस इलाके के अधिकारों को सीमित करने की कोशिश की गई है। यह आदेश गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पांचवां प्रांत बनाने की तरफ एक पहल माना जा रहा है। इस नए आदेश का भारत ने कड़ा विरोध किया है और कहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा है।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनियिंग ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, ‘कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक विवाद का मुद्दा है जो बातचीत और विचार-परामर्श के जरिए इन्हीं दोनों देशों के बीच सुलझना चाहिए।’ हुआ से जब पाकिस्तान सरकार के नए गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने पेइचिंग के पुराने रुख को दोहराते हुए कहा, 50 अरब डॉलर की CPEC परियोजना, जो इस विवादित क्षेत्र से होकर गुजरती है, से कश्मीर मुद्दे पर पेइचिंग के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा।

इस पहल से कश्मीर मुद्दे पर हमारा रुख नहीं बदलेगा

हुआ ने कहा, ‘हमने कई बार कहा है कि CPEC आर्थिक सहयोग के लिए एक पहल है। यह लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और विकास के लिए है। इस पहल से कश्मीर मुद्दे पर हमारा रुख नहीं बदलेगा।’ बता दें, पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर को दो प्रशासनिक हिस्सों, गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बांट रखा है।

पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को अब तक एक अलग भौगोलिक इकाई के रूप में देखता रहा है। दोनों क्षेत्रों की अपनी-अपनी विधानसभाएं हैं और तकनीकी रूप से पाकिस्तान संघ का हिस्सा नहीं हैं। बलूचिस्तान, खैबर-पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध पाकिस्तान के चार प्रांत हैं। लेकिन अब पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत बनाने की तैयारी कर रहा है।

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