दलित के घर सिर्फ खाएं नहीं, उनको अपने घर बुलाकर खिलाएं : संघ प्रमुख
दलित प्रेम दिखाने के लिए दलितों के घर जाकर खाना खाने की बीजेपी(BJP) नेताओं की कोशिशों के बीच संघ के लोग इसे दोतरफा अभियान की तरह चला रहे हैं। कुछ बीजेपी नेताओं ने जिस तरह दलितों के घर खाने के नाम पर खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश की उससे संघ के नेता नाराज हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि सिर्फ दलितों के घर जाकर खाना खाने से काम नहीं चलेगा।
वन-वे से काम नहीं टू-वे की जरूरत
संघ सूत्रों के मुताबिक कुछ वक्त पहले दिल्ली में हुई संघ की एक आंतरिक बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने समरसता अभियान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम अष्टमी के दिन दलित समाज की कन्याओं को तो अपने घर पर बुला कर पूजा कर लेते हैं, लेकिन क्या हम अपने घरों की कन्याओं को भी उनके घर पर भेजते हैं? संघ प्रमुख ने तब साफ कहा कि समरसता अभियान तभी सफल हो सकता है जब यह दोतरफा हो। यानी सिर्फ दलितों के घर जाकर खाने से काम नहीं चलेगा, उनका भी उसी तरह अपने घर पर स्वागत करना होगा।
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1930 के फॉर्म्युले में बदलाव की जरूरत
संघ के दिल्ली में सह प्रांत संघ चालक और वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि सिर्फ दलितों के घर खाना खाने से समरसता नहीं आएगी। उस समाज की आर्थिक प्रगति और प्रतिष्ठा के लिए भी काम करना होगा। अगर कोई यह सोचता है कि उसके जाने से दलित धन्य हो गए तो यह महज अहंकार है। अगर कोई खुद को बड़ा और दूसरे को छोटा मानकर उसके घर खाना खा रहा है तो यह समरसता नहीं है। अगर आप दलितों को परिवार का हिस्सा मानते हैं तब यह समरसता है। उन्होंने कहा कि दलितों के घर जाकर खाना खाने का रास्ता 1930 में गांधी ने दिखाया था। उस वक्त इससे फायदा हुआ था, लेकिन अब इससे आगे बढ़ने की जरूरत है।
दोतरफा कोशिश शुरू की है
आलोक कुमार ने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने समरसता के लिए दोतरफा कोशिश शुरू की है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता स्लम बस्तियों में जाकर उनके घर रुकते भी हैं और भोजन भी करते हैं। साथ ही घर की कामवाली, मोहल्ले में सफाई करने वालों को त्योहार के दिन सपरिवार अपने घर खाने पर बुला भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह त्योहार में घर की बहू परिवार की बुजुर्ग महिला के लिए ‘बायन’ उठाती है (पूजा कर खाने की सामग्री उन्हें देकर आर्शीवाद लेती है), उसी तरह सफाई करने वाली बुजुर्ग महिलाओं के लिए भी बायन उठा रही हैं।