आतंक पर बेनकाब पाक : खालिस्तानी आतंकियों के साथ हाफिज सईद

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भारत में अशांति फैलाने के लिए आतंकवाद को औजार के तौर पर इस्तेमाल करने वाला पाकिस्तान(Pakistan) एक बार फिर बेनकाब हुआ है। पंजाब में फिर से आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान(Pakistan) और उसके शह पर काम करने वाले आतंकी संगठनों की कलई खोलती एक तस्वीर सामने आई है। ताजा तस्वीर में आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के साथ दिख रहा है। तस्वीर लाहौर की है। आपको दिख रही पहली तस्वीर (बाएं तरफ) में चावला जमात-उद-दावा के कार्यक्रम में नजर आ रहा है, जिसमें हाफिज भी शामिल हुआ था। दूसरी तस्वीर (दाएं तरफ) पुरानी है, जिसमें चावला जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद के साथ दिख रहा है।

आतंकी संगठन कर रहे खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन

ताजा तस्वीर से एक बार फिर साबित हुआ है कि किस तरह पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठन खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं। बता दें कि गोपाल सिंह चावला ने पाकिस्तानी अधिकारियों के निर्देश पर हाल ही में 14 अप्रैल को (बैशाखी के दिन) भारतीय अधिकारियों को पंजा साहिब गुरुद्वारा में जाने से रोका था। इससे पहले 12 अप्रैल को भी भारतीय अधिकारियों को सिख तीर्थयात्रियों से वाघा में मिलने से रोका गया था। इस दिन खालसा की 320 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही थी।

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बैशाखी के मौके पर 1800 सिख पाकिस्तान गए थे

भारत से करीब 1800 सिख तीर्थयात्री बैशाखी के मौके पर पाकिस्तान पहुंचे थे। लेकिन पाकिस्तान ने इस मौके का इस्तेमाल अपने भारत-विरोधी दुष्प्रचार के लिए किया। सिखों के पवित्र स्थल पंजा साहिब की परिक्रमा के दौरान पाकिस्तान के इशारे पर सिख चरमपंथियों ने यहां ‘सिख रेफरेंडम 2020’ के पोस्टर भी लहराए थे। इतना ही नहीं, भारतीय तीर्थयात्रियों का बैशाखी पर स्वागत करने के लिए पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को पंजा साहिब पहुंचना था, लेकिन उन्हें बीच रास्ते से लौटने के लिए मजबूर किया गया। इसके लिए पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया लेकिन यह नहीं बताया कि किस तरह का खतरा था।

आतंकी संगठन आईएसआई के साथ मिलकर चलाते हैं भारत के खिलाफ गतिविधियां

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में इसे विएना संधि का खुला उल्लंघन करार दिया था। MEA के बयान में यह भी कहा गया कि इससे एक दूसरे के राजनयिकों के साथ व्यवहार से जुड़े 1992 में हुए द्विपक्षीय समझौते का भी उल्लंघन हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI के संरक्षण में भारत के खिलाफ गतिविधियां चलाती हैं। ISI इन आतंकी संगठनों का भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर छेड़ने और देश के भीतर अशांति फैलाने के लिए करती है।

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