योगी के विधायक खुद कह रहे, नौकरशाही सरकार चला रही !
उत्तर प्रदेश की योगी(CM Yogi) सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से विपक्ष आरोप लगाता आ रहा है कि प्रदेश को योगी नहीं बल्कि प्रशासन के कुछ अधिकारी मिलकर इस सरकार को चला रहे हैं। वहीं अब उनकी पार्टी के विधायक भी कह रहे हैं कि प्रशासन में उनकी सुनवाई नहीं होती है और न ही अधिकारी उनका फोन उठाते हैं। जिससे जनता की समस्याओं का निपटारा नहीं हो पा रहा है। योगी के मंत्री, विधायक अक्सर अधिकारियों की बेरुखी के शिकार होते रहे हैं। यही वजह है कि विधायक, मंत्री इन अधिकारियों के तबादले के लिए अक्सर मुख्यमंत्री से गुहार लगाते दिखाई देते हैं।
विधायक का फोन नहीं उठाते जिलाधिकारी औल एसपी
दरअसल, अंबेडकरनगर के आलापुर से विधायक अनीता कमल ने सीएम योगी(CM Yogi) को एक पत्र लिखकर कहा है कि अंबेडकरनगर के जिला अधिकारी और एसपी उनके द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों में अड़चन पैदा कर रहे हैं। अनीता ने पत्र में आगे कहा है कि जिलाधिकारी न तो उनका फोन उठाते हैं और न ही दोबारा फोन करने की जहमत उठाते हैं, ऐसे में जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
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सीएम को पत्र लिखकर लगाई तबादले की गुहार
विधायक ने पत्र में कहा है कि जिलाधिकारी और एसपी के इस रवैये की वजह से उनको जिले से हटाया जाए। आपको बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब योगी के विधायक ऐसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें उनके मंत्री और विधायक प्रशासन के कामकाज पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। बीते कुछ समय से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी ऐसा ही आरोप प्रशासन के अधिकारियों पर लगाते आ रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री भी हो चुके हैं अधिकारियों की मनमानी का शिकार
कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया था कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं और न ही कोई काम कर रहे हैं। राजभर ने आरोप लगाया था कि गाजीपुर के प्रशासनिक अधिकारी उनकी बातों को अनसुना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि जब अधिकारी एक मंत्री की बात नहीं सुनते हैं तो जनता की समस्याओं को सुनने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। ऐसे में अब ये सवाल पैदा होता है कि अधिकारी जब खुद मंत्री विधायकों की बातों को अनसुना कर देते हैं तो जनता की सुनवाई कैसे होती होगी? वहीं दूसरी तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ अक्सर कहते रहते हैं कि जनता की समस्याएं उनकी समस्याएं हैं, और किसी भी अधिकारी द्वारा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।