नेपाल पीएम प्रचंड ने मधेसियों को दी चेतावनी, नहीं मानें तो चुकानी होगी कीमत

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नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने शुक्रवार को कहा कि मधेस केंद्रित सात पार्टियों के गठबंधन, संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा ने यदि अगले महीने प्रस्तावित स्थानीय चुनाव में भाग लेने के सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया, तो उसे इसकी एक भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। संयुक्त लोकतांत्रिक मधेस मोर्चा (एसएलएमएम) ने गुरुवार को संयुक्त रूप से एक नई पार्टी, राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) के गठन की घोषणा की। इस तरह 25 सीटों के साथ आरजेपी अब संसद में पांचवी सबसे बड़ी ताकत बन गई है।

झापा के बिर्तामोड़ में सीपीएन (माओवादी सेंटर) की तरफ से आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि उनकी सरकार ने मोर्चा की चुनाव में भागीदारी के लिए उसकी चिंताओं को दूर करने के लिए काफी उदारता दिखाई है। काठमांडू पोस्ट की रपट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 14 मई को होने वाले चुनाव में हिस्सा लेने के लिए मधेसी मोर्चा को समझाने की कोशिश करेंगे।

दहाल ने कहा कि यदि फिर भी मोर्चा के नेताओं ने स्थानीय चुनाव में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया तो उनका यह निर्णय उन्हीं के लिए नुकसानदायक होगा। उन्होंने कहा कि यदि मोर्चा ने चुनाव बहिष्कार कर निर्णय लिया तो जनता उन्हें खारिज कर देगी। दहाल ने यह भी कहा कि चुनाव एक चरण में होगा।

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बाद में सत्ताधारी गठबंधन -नेपाली कांग्रेस (एनसी) और सीपीएन (माओवादी सेंटर)- और मधेसी मोर्चा के नेताओं के बीच स्थानीय चुनाव दो चरणों में कराने और संविधान संशोधन पर चर्चा के लिए शुक्रवार को बालूवाटर में प्रधानमंत्री आवास पर एक बैठक हुई, लेकिन बैठक बेनतीजा रही।नेताओं ने फिर से बैठक करने पर सहमति जताई है। बैठक में दोनों पक्ष अपने-अपने रुखों पर अड़े रहे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के नेताओं ने दोहराया कि संविधान संशोधन विधेयक में बदलाव किया जाए, जबकि प्रधानमंत्री मोर्चा नेताओं से आग्रह किया कि संसद में सरकार द्वारा पंजीकृत नए संविधान संशोधन विधेयक पर सहमति जताएं और 14 मई के स्थानीय चुनाव में भाग लें।

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