सभी के दिलों पर राज करता है ओखल और चिमटे का साज
रॉक बैंड का नाम सुनते ही आपके दिमाग में क्या आता है। अजी वही आता होगा कि हां चार-पांच लड़के स्टेज पर खड़े होकर अपना शो करते हैं। जिसमें होता है ढेर सारा धूम-धड़ाका, होते हैं नए-नए वाद्य यंत्र। आपके दिमाग की इस उपज को ही निकालने के लिए हम आपको एक ऐसे रॉक बैंड (rock band) के बारे में बताएँगे, जिसमें लड़के तो नहीं हैं लेकिन हां बैंड ऐसा है जिसे सुन कर आप भी थिरकने पर मजबूर हो जायेंगे। इस बैंड के गाने ऐसे होते हैं जो इस पुरुष प्रधान देश में लड़कियों को ना सिर्फ जागरूक करते हैं बल्कि लोगों तक एक अच्छा सन्देश भी पहुंचते है।
2010 में हुई थी शुरुआत
जी हां हम बात कर रहे हैं फीमेल रॉक बैंड ‘मेरी जिन्दगी’ की। जिसकी शुरुआत साल 2010 में की गयी थी। इस बैंड की टीम में मात्र पांच से छह लोग है लेकिन इतनी सी टीम ने रॉक बैंड की दुनिया में तहलका मचा रखा है। इस बैंड का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाएं अपनी शक्ति पहचाने और आगे बढ़े। आज के युग में संगीत के माध्यम से कोई भी सन्देश पहुंचाना बहुत आसान है।
मनोरंजन नहीं करता, बल्कि संदेश देता है बैंड
डॉ. जया तिवारी का जो इस बैंड की संस्थापक है इनका साफ़ शब्दों में कहना है कि हमारा बैंड किसी के मनोरंजन के लिए नहीं बना। ये बना है तो सिर्फ लड़कियों को राह दिखाने के लिए, उनके कदम और ज्यादा मजबूत करने के लिए।
बैंड की ये बात है ख़ास
आपको बता दें कि इस बैंड की खासियत ओखल और चिमटा हैं जिसे साज के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इस फीमेल रॉक बैंड ने अब तक 100 से ज्यादा शो किये हैं। इसमें ख़ास बात यह भी है, ये मेरी जिंदगी बैंड ना सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि अन्य राज्यों में भी प्रसिद्ध है।
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इस बैंड ने सन्देश पर आधारित 60 से ज्यादा गीत गाये हैं जो हर बेटी और महिला की जिन्दगी को बेहतर, जिंदादिली, सकारात्मकता से भरपूर, जोश से भरपूर उमंग से परिपूर्ण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए बनाये गये हैं।
संस्थापक खुद लिखती हैं गाने
कुछ दिन पहले इस बैंड की संस्थापक डॉ. जया ने अपना एक वीडियो भी फेसबुक पर अपलोड किया था, जिसे लगभग 201,446 दर्शकों ने देखा और खूब सराहा भी।
इस बैंड के लिए डॉ. जया खुद ही गीत लिखती हैं। यह अपने सारे गाने रसोई घर में, खाना बनाते हुए ही सोचती हैं। उनके लिए ओखल और चिमटा ऐसी वस्तु हैं जिनसे खाना तो बनता ही है लेकिन साथ में इसका प्रयोग कामों में हो सकता है।
लोगों को देता है संदेश
डॉ. जया के अलावा इस बैंड में उत्सवी बनर्जी, पूर्वी मालवीया, सौभाग्या दीक्षित, मेघना, निहारिका और लाडो हैं। इनके गीत इतने जोशीले और दिल को झकझोरने वाले होते हैं कि किसी भी शो में आये कुछ लोगों की मानसिकता को जरुर बदलतें हैं। लड़कियों का ये बैंड एक और सन्देश देता है कि महिलाएं भी बैंड का संचालन कर सकती हैं।
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