विश्‍वनाथ मंदिर : गंगा पाथवे बनाने के फैसले के खिलाफ लोगों में बढ़ रहा है गुस्सा

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आशीष बागची

काशी विश्वनाथ मंदिर इलाके में 167 मकानों को जमींदोज कर गंगा पाथवे बनाने के फैसले के खिलाफ अब शहर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। प्रशासन की कथनी और करनी में दिख रहा फासला आग में घी डालने का काम कर रहा है।

धरोहर बचाओ संघर्ष समिति की बैठक

इस क्रम में धरोहर बचाओ संघर्ष समिति की सरस्वती फाटक स्थित त्रिमूर्ति गेस्ट हाउस में गुरुवार को बैठक हुई, जिसमें स्थानीय नागरिकों के अलावा शहर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की शुरुआत में ही फैसला हुआ कि इस संघर्ष में पूरे शहर की भागीदारी सुनिश्चित की जाय।

कानूनी रूप से लड़ने का संकल्‍प

साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि अब इस मामले में कानून की भी मदद ली जाय। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करने पर भी विचार हुआ। तय हुआ कि इस मामले में कानूनी राय लेकर जल्द से जल्द कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया जाय।

धर्माचार्य लेंगे हिस्‍सेदारी

इसके अलावा शहर में दस्तखत अभियान चलाकर लोगों को इस आंदोलन से जोड़ा जाय। बैठक में शासन पर दबाव बनाने के लिए यह सुझाव आया कि प्रभावित इलाके में अवस्थित प्रमुख मंदिरों पर ताला डाल दिया जाय।

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इस पर लोगों की राय बनी कि रविवार को समिति की आहुत बैठक में धर्माचार्यों को बुलाया जाय और उनसे इस पर सुझाव लेकर फैसला लिया जाय। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में अन्य बिन्दुओं पर भी चर्चा हुई।

संघर्ष तेज करने का फैसला

साथ ही संघर्ष को और तेज करने की जरूरत बतायी गयी।  बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ खेल पत्रकार पदमपति शर्मा, केंद्रीय ब्राम्हण सभा के राष्टीय उपाध्यछ कन्हैया त्रिपाठी, राजेंद्र तिवारी बबलू, काशी विशालाक्षी मंदिर के महंत व वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी, संजीव सिंह, विजय शंकर राय, कृष्णकुमार शर्मा, राज कपूर, सोनू कपूर, मनीष गुप्ता, मणिशंकर त्रिपाठी, विनोद कपूर, काशी विद्यापीठ के पूर्व महामंत्री नीरज सिंह, राजकुमार जायसवाल, सुरेंद्र ठाकर आदि लोग उपस्थित रहे।

क्षेत्रीय विधायक व सांसद से लोग बेहद नाराज

बैठक में यह चीज देखी गयी कि लोग क्षेत्रीय विधायक व काशी के सांसद से बेहद नाराज हैं। उनकी चुप्‍पी लोगों को रहस्‍यमय लग रही है।

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