संघ प्रमुख का बयान देश और शहीदों का अपमान : राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘तीन दिन में सेना तैयार करने’ वाले बयान को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि भागवत का यह बयान देश और शहीदों का अपमान है। वहीं भागवत के बयान पर संघ की भी सफाई आई है। संघ ने कहा कि भागवत के बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया है। बता दें कि संघ प्रमुख ने रविवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिए लड़ने के खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है।
‘आरएसएस चीफ का यह बयान हर भारतीय का अपमान है’
राहुल ने सोमवार को भागवत के बयान की निंदा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘आरएसएस चीफ का यह बयान हर भारतीय का अपमान है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जान देने वालों का असम्मान किया है। यह देश के झंडे का भी अपमान है, क्योंकि तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान किया गया है। भागवत को सेना और शहीदों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए।’
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‘मोहन भागवत भारतीय सेना की तुलना आरएसएस से नहीं कर रहे थे’
दूसरी तरफ संघ ने भागवत के बयान पर सफाई दी है। संघ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘मोहन भागवत भारतीय सेना की तुलना आरएसएस से नहीं कर रहे थे। हकीकत में उन्होंने कहा था कि आर्मी अपने जवानों को तैयार करने में 6 महीने का समय लेती है। अगर आरएसएस ट्रेनिंग दे तो सैनिक 3 दिन में स्वयंसेवक भी बन सकते हैं।’ सेना से तुलना के कारण सोशल मीडिया पर भागवत की काफी आलोचना हो रही थी।
‘संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे’
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा था, ‘यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे। देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं। उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन ने हमला किया था तो उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर सेना के आने तक डटे रहे।’
(साभार- एनडीटीवी इंडिया)