रक्षामंत्री-गृहमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल
जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर हमले के बाद सोमवार सुबह आतंकियों ने श्रीनगर में हमले की कोशिश की। सीआरपीएफ ने आतंकियों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया। पिछले 48 घंटों में आतंकियों की तरफ से तीन बड़े हमलों की कोशिश की गई है। आतंकियों ने जम्मू के सुंजवां, शोपियां और सोमवार सुबह श्रीनगर में हमला करने की कोशिश की।
दो दिनों के भीतर ही आतंकियों की इस तरह की हिमाकत पर अब भारत का सख्त रुख अपनाना जरूरी हो गया है। इधर दिल्ली में भी रक्षामंत्री और गृहमंत्री ने हमलों को देखते हुए आपात बैठक बुलाई है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हमले के बाद उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। रक्षामंत्री सेना के तीनों प्रमुखों के साथ बैठक कर रही हैं। इस बैठक में रक्षा सचिव और अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। आपको बता दें कि सेना प्रमुख बिपिन रावत सुंजवां हमले के बाद जम्मू होकर गए हैं। बिपिन रावत रक्षामंत्री को इस हमले की पूरी जानकारी देंगे।
राजनाथ सिंह ने बुलाई बैठक
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आतंरिक सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। ये बैठक शाम 4 बजे होगी। इस बैठक में सुंजवां में हुए आतंकी हमले पर चर्चा होगी। बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गृह सचिव, IB चीफ, रॉ चीफ सहित, गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी भी शामिल होंगे। शनिवार सुबह आतंकियों ने जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर हमला किया था। इस हमले में 5 जवान शहीद हुए, 1 नागरिक की मौत हुई और कई नागरिक घायल भी हुए थे।
also read : नगालैंड की चर्च काउंसिल ने कहा, ‘प्रदेश में हिंदुत्व का प्रसार चाहती है बीजेपी’
आतंकियों ने ये हमला फैमिली क्वार्टर पर किया था। सुरक्षाबलों ने दो दिनों तक आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया और सोमवार को इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। रविवार देर शाम आतंकियों ने शोपियां में कैंप पर हमला बोला था। इस दौरान आतंकियों ने सेना के कैंप पर 5 से 7 राउंड फायरिंग की थी। हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था।
सोमवार सुबह श्रीनगर के करन नगर में दो आतंकी जो कि एके-47 से लैस थे, आर्मी कैंप की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन सीआरपीएफ ने देखते ही गोली चलाई जिसके बाद आतंकी भाग निकले। अब उनके लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आतंकियों की ये नाकाम कोशिश सुबह करीब 4.30 बजे की गई थी।
आतंकियों का आखिरी इलाज कब?
सेना और सरकार की तरफ से लगातार घाटी में आतंकियों के खात्मे की बात की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी हमले नहीं रुक रहे हैं। घाटी में लगातार आम नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला किया जा रहा है। वक्त है कि सरकार की ओर से एक बार फिर आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाए।
घाटी में एक बार फिर नए सिरे से ऑपरेशन ऑलआउट को धार देने की जरूरत है, ताकि आतंकियों में सेना का खौफ बरकरार रहे। एक तरफ घाटी के अंदर आतंकी लगातार सुरक्षाबलों पर हमला कर रहे हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सीज़फायर उल्लंघन करती है। लगातार सीज़फायर कर पाकिस्तान की कोशिश है कि भारतीय सीमा में आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए। पाकिस्तान की ओर से अब तक 2018 में करीब 160 से अधिक बार सीज़फायर को तोड़ा गया है।
AAJTAK
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)