अयोध्‍या से निकलेगी RSS की रथयात्रा, CM दिखाएंगे हरी झंडी

0

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अयोध्या से रामेश्वर तक रथयात्रा निकालकर राममंदिर मुद्दे को फिर गरमाने की तैयारी की है। आगामी 13 फरवरी से 39 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा देश के छह प्रमुख राज्यों से होकर गुजरेगी और इस दौरान 40 सभाएं होंगी। रथयात्रा के समय को लेकर अटकलें भी लगने लगीं हैं। माना जा रहा है कि यह यात्रा 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आयोजित हो रही है।

1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुई थी

यूं तो रथयात्रा का आयोजन रामदास मिशन यूनिवर्सिल सोसाइटी की ओर से हो रहा है, मगर इसमें संघ और उसके अनुषांगिक संगठन बढ़चढ़कर भागीदारी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व हिंदू परिषद के अयोध्या स्थित कारसेवकपुरम मुख्यालय से रथयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। विहिप के इस कार्यालय की स्थापना 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुई थी, तब से यहां पर कारसेवक मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने का काम कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि एक दिन जरूर राममंदिर बनेगा।

also read : कविता के सहारे इस IG ने तो सीएम पर उठा दिए सवाल, पढ़िए पूरा मामला

राम राज्य रथयात्रा उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु सहित छह राज्यों से होकर गुजरेगी। जनसभाओं में रामराज्य की स्थापना और राम मंदिर निर्माण का लोगों से संकल्प कराया जाएगा। श्री रामदास यूनिवर्सल सोसाइटी महाराष्ट्र भले ही इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक है, मगर इसमें संघ, विहिप के अनुषांगिक संगठनों के अलावा भाजपा के भी कार्यकर्ता बढ़चढ़कर हिस्सा लेंगे। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से अयोध्या पर सरकार का काफी फोकस है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही नव्य अयोध्या योजना के तहत सरयू के तट पर सौ मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा कर चुके हैं।

यात्रा को लेकर केंद्र सरकार भी काफी गंभीर है

इसके अलावा अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशें हो रहीं हैं।वहीं पिछले साल 18 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भव्य दीपावली का आयोजन हुआ था। जब राम की पौड़ी पर एक लाख 71 हजार दीप जलाकर रिकॉर्ड कायम किया गया। उधर इस यात्रा को लेकर केंद्र सरकार भी काफी गंभीर है। यही वजह है कि गृहमंत्रालय ने संबंधित राज्यों के पुलिस प्रमुखों को पत्र जारी कर यात्रा को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस यात्रा के लिए बंट रहे पर्चे में नेतृत्वकर्ता के तौर पर स्वामी कृष्णानंद सरस्वती और शक्ति शांतानंद महर्षि का नाम दर्ज है। यात्रा के उद्देश्यों के बारे में पर्चे पर राम राज्य की पुनर्स्थापना, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में रामायण शामिल करने और राम जन्मभूमि में राम मंदिर निर्माण के संकल्प की बात कही गई है।

जनसत्ता

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More