यूपी की इस लेडी सिंघम से खौफ खाते हैं माफिया
कुछ उन्हें लेडी सिंघम पुकारते हैं, तो कुछ दारोगा दीदी। काम करने का अंदाज ऐसा कि अच्छे अच्छे अपराधी कहां अर्न्तध्यान हो गए, किसी को पता नहीं। गली के गुंडे हो या फिर चोर लुटेरे, सब उनके आगे पनाह मांग रहे हैं। जी हां आम तौर पर यूपी पुलिस की करतूतों के किस्से आए दिन अखबरों की सुर्खियां बनते हैं, लेकिन इस बार मामला जरा हटके है। वाराणसी के शिवपुर थाने में तैनात महिला थानेदार तारावती यादव ने अपने फर्ज और जज्बे की वो मिसाल पेश की है, जिसके चर्चे वाराणसी सहित पूरे सूबे में हो रहे हैं।
शराब माफियाओं के खिलाफ छेड़ा अभियान
यूं तो तारावती यादव का नाम ही गुंडों के लिए काफी है, लेकिन शराब माफियाओं के खिलाफ तारावती ने जिस तरीके से अभियान छेड़ा है, उसके चर्चे हर ओर हो रहे हैं। तारावती ने जब से इलाके की कमान अपने हाथ में संभाली है,नकली शराब बेचने वालों की मानो शामत आ गई है। तारावती ने न सिर्फ कच्ची शराब बनाने वाली दर्जनों भट्टियों को नष्ट किया, बल्कि उन शराब माफियाओं के गैंग को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया जिन पर हाथ डालने में बड़े बड़े वर्दीवाले सौ बार सोचा करते थे। इस महिला दारोगा की दिलेरी ने उन हजारों महिलाओं का दिल जीत लिया है, जिनका घर शराब की वजह से टूट रहा था।
एसएसपी ने तारावती की ताकत को पहचाना
वैसे तो वाराणसी जोन में कई महिला दारोगा और कांस्टेबल हैं। लेकिन अपने काम करने के अंदाज और जुनून ने तारावती को नई पहचान दी। सबसे पहले तारावती की ताकत को पहचाना वाराणसी के एसएसपी आकाश कुलहरी ने, शहर के नाटी इमली चौकी पर तैनाती के दौरान तारावती ने जिस तरीके से काम किया उससे एसएसपी बहुत प्रभावित हुए। उसके बाद उन्होंने शिवपुर थाने का जिम्मा तारावती को सौंपा। वाराणसी के किसी भी थाने में पहली बार किसी महिला की तैनाती की गई, एसएसपी बताते हैं कि “ तारावती एक बेहद ईमानदार पुलिस अफसर हैं। शराब माफियाओं के खिलाफ उनका अभियान काबिले तारीफ है।
फर्ज के लिए गैस एजेंसी के प्रस्ताव को किया रिजेक्ट
तारावती के पति रामराज यादव भी पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर तैनात थे। साल 2006 में कलुआ गिरोह से मुठभेड़ के दौरान वो शहीद हो गए। पति की मौत के बाद तारावती अंदर से टूट गईं। विभागीय कार्यवाही के चार साल बाद पुलिस अधिकारियों ने तारावती के सामने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें मुआवजे के तौर पर गैस एजेंसी या फिर पुलिस विभाग में नौकरी का ऑफर दिया गया। देश के लिए जीने मरने वाली तारावती ने गैस एजेंसी की जगह फर्ज को चुना और पुलिस की वर्दी पहनी, इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
खाली वक्त में फिल्में देखना है पसंद
खाली वक्त में उन्हें फिल्में देखना पसंद है, खासतौर से पुलिसिया किरदार से सजी फिल्में उनके दिल के काफी करीब हैं। इन फिल्मों का तारावती के जीवन पर खासा प्रभाव है। इसके अलावा तारावती की ख्वाहिश है, कि वह महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करें।