फिर खुलेंगी 1984 दंगों की  फाइलें

0

1984 सिख विरोधी दंगे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से SIT गठित करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति केपीएस राधाशरण और न्यायमूर्ति जेएम पांचाल की पर्यवेक्षी समिति ने पहली SIT द्वारा किए गए जांच पर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय SIT में हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज, एक रिटायर्ड IPS अफसर और एक सेवारत IPS अफसर को शामिल करने का आदेश दिया है। यह SIT बंद किए किए गए 186 केसों का फिर से जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।

सुप्रीम कोर्ट ने एक पर्यवेक्षी समिति का गठन किया था

इसके बाद ये केस दोबारा खोले जा सकते हैं। कोर्ट के आदेश के बाद SIT के लिए आज सरकार की तरफ से कई नाम सुझाए गए। लेकिन कोर्ट ने इन नामों पर अपनी सहमति देने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गुरुवार तक का वक्त दिया है कि वह उपयुक्त नामों का सुझाव दे, जिसके बाद नई SIT का गठन कर दिया जाएगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक पर्यवेक्षी समिति का गठन किया था।

also read : लो भईया …सुलझ गया साल 2017 का सबसे बड़ा विवाद

इस समिति ने पहली SIT द्वारा की गई जांच का अवलोकन किया था।  पुरानी एसआईटी ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे मामले में दर्ज 294 केस में से 186 को बिना किसी जांच के बंद कर दिया था, जिस पर आपत्ति जाहिर की गई थी। बताते चलें कि पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एक अहम फैसला सुनाते हुए 1984 दंगे से जुड़े पांच मामलों की फिर से जांच करने के आदेश दिया थे।

चश्मदीद गवाहों से पूछताछ ही नहीं की गई

इन सभी मामलों को 1986 में बंद कर दिया गया था। इनमें सज्जन कुमार, बलवान खोखर, महेंद्र यादव, कृष्ण खोखर आरोपी हैं। सीबीआई द्वारा दायर याचिका में 1986 की चार्जशीट 10, 11, 31, 32 और 33 में सज्जन कुमार और बाकी के आरोपियों को बरी करने को चुनौती दी गई थी।  हाइकोर्ट ने इन पांच मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि प्रमुख चश्मदीद गवाहों से पूछताछ ही नहीं की गई।

aajtak

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More