भारतीय राजनीति की ‘मोगली’ हैं उमा भारती
केंद्रीय स्वच्छता एवं जल संरक्षण मंत्री उमा भारती ने उज्जैन में रविवार को कहा कि वह वर्तमान दौर की राजनीति में ‘मोगली’ हैं। उज्जैन में आयोजित तीन दिवसीय शैव महोत्सव के समापन अवसर पर मंच संचालक ने जब साध्वी उमा भारती का परिचय प्रखर वक्ता के रूप में दिया, तो उमा ने मोगली का किस्सा सुना डाला।
उन्होंने कहा, “मोगली नाम का बच्चा जंगल में पैदा हुआ था, जिसे भेड़िए उठा ले गए, बाद में वह मिल गया। मैं सोचती हूं कि अगर मोगली राजनीति में आ जाए तो वह क्या-क्या करेगा, वही कुछ मैं भी करती हूं।” उमा भारती ने कहा, “किसी के बारे में ऐसी चर्चा हो जाती है कि वह ऐसा है और यह बात आगे चलती रहती है, इसी तरह मेरे साथ हुआ। कहीं प्रवचन दिए तो लोगों ने प्रखर वक्ता कह दिया और आज भी वह कहा जा रहा है। वास्तव में मैं प्रखर वक्ता हूं नहीं।”
शैव महोत्सव में पहुंची थीं केंद्रीय मंत्री
उन्होंने आगे कहा, “मैं तीन-चार दिन पहले अपने बारे में सोच रही थी, तभी मुझे मोगली की कहानी याद आ गई। यह मनगढ़ंत कहानी नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की ही घटना है। मोगली भेड़ियों के पास से वापस आ जाता है। मैं सोचती हूं कि अगर मोगली राजनीति में आ जाए तो वह क्या क्या करेगा, वही मैं भी करती हूं। कभी कुछ कह दिया, बाद में लगता है कि अरे यह क्या कह दिया।”
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बारह ज्योतिर्लिंगों पर जारी किया डाक टिकट
शैव महोत्सव में भारतीय डाक विभाग द्वारा बारह ज्योतिर्लिंगों और शैव महोत्सव के कवर पेज पर आधारित पोस्टकार्ड और डाक टिकट भी जारी किए गए। प्राचीन सनातन संस्कृति, भगवान शिव के स्वरूप, उनकी पूजन पद्धति और देवस्थानों के संरक्षण और प्रबंधन पर चार विशिष्ट सत्रों में वैचारिक संगोष्ठियों का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रांतों से आए विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए।
‘हर कंकड़ में विद्यमान हैं भोलेनाथ’
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएसएस के सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, “हम सभी बड़े भाग्यशाली हैं कि पवित्र भारतभूमि में हम सबका जन्म हुआ। यह भूमि देवताओं, पुण्य और मोक्ष की भूमि है। यहां हर कंकड़ में भी शंकर विद्यमान हैं। नमस्कार करने की परम्परा भारत के अलावा और किसी अन्य देश में नहीं है, क्योंकि हमारे यहां प्रत्येक जीव में परमात्मा का निवास माना जाता है, इसलिए, हम सभी को आदरपूर्वक नमस्कार करते हैं।”
(साभार- जनसत्ता)