लोकसभा में उठा जाधव के परिवार के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा, सुषमा कल देंगी बयान
जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ पाकिस्तान में दुर्व्यवहार का मुद्दा आज लोकसभा में उठा। सांसदों ने पाकिस्तान के इस कृत्य की कड़ी निंदा की। इस मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल सदन में बयान देंगी। शून्यकाल में शिवसेना के अरविंद सावंत, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे, अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई समेत अनेक सदस्यों ने सदन में इस मुद्दे को उठाया।
बातचीत के समय उनके बीच कांच की दीवार लगा दी गयी
इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि वह इस विषय पर कल सदन में वक्तव्य देंगी। सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के दबाव में पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के परिवार को उनसे मिलने की इजाजत तो दी लेकिन जाधव की मां और पत्नी के साथ जिस तरह की बदसलूकी की, उसकी कड़ी भर्त्सना की जानी चाहिए। सावंत ने कहा कि उनकी मां और पत्नी की बिंदी, मंगलसूत्र और यहां तक जूते भी उतरवा लिये गये और बातचीत के समय उनके बीच कांच की दीवार लगा दी गयी।
also read : DJ की आवाज से परेशान हुए उद्धव, सील हुआ रिजॉर्ट
इसके अलावा उन्हें अपने मातृभाषा मराठी में बात नहीं करने दी गयी। शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के इस बर्ताव की जितनी भर्त्सना की जाए, कम है। पाकिस्तान का अर्थ विश्वासघाती है। जाधव को जब तक वापस नहीं लाया जाएगा, हमें चुप नहीं रहना चाहिए।’’तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने पाकिस्तान में जाधव परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि पड़ोसी देश ने घटिया हरकत की है। देश के हर कोने से इसकी निंदा होनी चाहिए।
आपसी समझ की भावना का उल्लंघन है
उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस मुद्दे पर सदन में बयान देने की मांग की। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी के साथ जो बर्ताव किया है, हम उसका विरोध करते हैं। हम सब उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि जाधव को वापस लाकर देश में मिसाल कायम की जानी चाहिए। अन्नाद्रमुक के एम थंबिदुरई ने भी निंदा करते हुए सदस्यों के साथ समर्थन जताया। बता दें कि जाधव की मां और पत्नी ने सोमवार को उनसे पाकिस्तान में मुलाकात की थी। इस दौरान जाधव की मां और पत्नी की चूड़ियां, बिंदी, मंगलसूत्र उतरवा लिया गया था। कल विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि यह स्पष्ट रूप से आपसी समझ की भावना का उल्लंघन है।
(साभार-एबीपी)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)