सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ, ऊपरी अदालत में जाएंगे: तेजस्वी यादव
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार में चारा घोटाले के दोषी लालू यादव की रात कटी। उन्हें खाने में पांच रोटियां, एक कटोरी अरहर की दाल और बंदगोभी की सब्जी दी गई। सूत्रों के अनुसार, उनकी रात बैचेनी भरी रही। रविवार सुबह उन्होंने न्यूज पेपर भी पढ़ा। वहीं, आरजेडी समर्थकों का जेल के बाहर जमावड़ा लगा हुआ है। जेल में लालू यादव को कांग्रेस के पूर्व विधायक सावना लकड़ा, पूर्व मंत्री राजा पीटर, पूर्व विधायक कमल किशोर भगत, झरिया के बीजेपी विधायक संजीव सिंह का साथ मिलेगा।
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ऊपरी अदालत तक लेकर जायेगे तेजस्वी यादव
चारा घोटाले में रांची सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे। यह कहना है लालू यादव के बेटे बिहार के उप मुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव का। तेजस्वी यादव ने कहा की उनके खिलाफ बहुत बड़ी साजिश की गई है। उन्होंने इसके लिए बीजेपी और नीतीश को भी जिम्मेदार ठहराया। सीबीआई कोर्ट ने देवघर ट्रेजडी मामले में लालू को दोषी करार दिया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
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बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार में उच्च श्रेणी कैदी के लिए कुल 10 डिवीजन वार्ड बनाए गए हैं। इनमें वे सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो उच्च श्रेणी के कैदी को मिलनी चाहिए। डिवीजन वार्ड में पहले से पांच कैदी थे। शनिवार शाम संख्या बढ़ कर आठ हो गई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व मंत्री जगदीश शर्मा और पूर्व विधायक आरके राणा भी इस वार्ड में पहुंच गए। शनिवार शाम सवा 5.15 बजे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जेल पहुंचे। लालू प्रसाद के साथ उनके बेटे तेजस्वी जेल गेट के अंदर गए। जेल में घुसते ही लालू प्रसाद जेल अधीक्षक अशोक चौधरी के चैंबर में घुसे और वहां बैठे। जेल में लालू काफी धीर-गंभीर नजर आए।
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कोर्ट के बाहर लगे लालू जिंदाबाद के नारे
कोर्ट परिसर खचाखच भरा हुआ था। कारों की कतार लगी थी। कोर्ट ने उन्हें चार बजे दोषी ठहराया और 4.30 बजे जेल भेज दिए गए। सजा सुनाए जाने के बाद शाम करीब 4.14 बजे लालू प्रसाद कोर्ट की सारी औपचारिकता पूरी कर बाहर लाए गए। तब भीड़ और मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया। मीडिया ने उनसे बात करनी चाही, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। कोर्ट रूम से लेकर वाहन तक की दूरी करीब पचास मीटर थी, लेकिन जिस तरह से मीडिया और लालू के समर्थकों ने उन्हें घेर रखा था, उससे यह दूरी तय करने में 10 मिनट लगा। लालू प्रसाद के गाड़ी तक तक आने, गाड़ी में बैठने और कोर्ट परिसर के बाहर निकलने तक उनके समर्थक लालू जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।