जनवरी से लागू किया जा सकता है ई-वे बिल!
राजस्व संग्रह में आई कमी के बीच वस्तु एवं सेवा कर GST परिषद जनवरी से ई-वे बिल के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए शनिवार को बैठक करेगी। यह कदम कारोबारियों के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि उसने अनुपालन शर्तों का बोझ बढ़ने के कारण ई-वे बिल टाले जाने की मांग की थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में अप्रैल के बजाय जनवरी से ही ई-वे बिल लागू होने किए जाने पर विचार होगा। कर चोरी रोकने के लिए सरकार ई-वे बिल लागू करने में जल्दबाजी दिखा रही है क्योंकि जीएसटी क्रियान्वयन के बाद राजस्व संग्रह अक्टूबर में निचले स्तर पर पहुंच गया था।
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राजस्व संग्रह में कमी दर्ज की गई
बैठक की संभावित रूपरेखा पर एक अधिकारी ने कहा, ‘राजस्व संग्रह में कमी दर्ज की गई है। इसके परिप्रेक्ष्य में जीएसटी परिषद जनवरी से ई-वे बिल लागू किए जाने पर शनिवार को प्रस्तावित बैठक में चर्चा करेगा। ऐसी खबरें हैं कि जांच और नियंत्रण के अभाव में डीलर जीएसटी को दरकिनार कर रहे हैं।’ राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए सरकार के पास अब भी तीन महीने का समय बचा है।
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चार महीनों में पंहुचा निचले स्तर पर
स्वघोषित कर भुगतान के कारण जीएसटी से प्राप्त होने वाला राजस्व अक्टूबर में चार महीनों के निचले स्तर 83,000 करोड़ रुपये पर आ गया। सरकार ने राजस्व संग्रह में कमी के लिए जीएसटी के कुछ अहम बिंदुओं जैसे रिटर्न मिलान, ई-वे बिल और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म टाले जाने को जिम्मेदार ठहराया। ई-वे बिल से केंद्र एवं राज्य की कर एजेंसियां माल के अंतरराज्यीय और राज्यों की भीतर आवाजाही पर नजर रखेंगे।