अमरनाथ यात्रा पर एनजीटी ने श्राइन बोर्ड को दिया आदेश
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने अमरनाथ यात्रा पर जयकारे लगाने और मंत्रों के उच्चारण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एनजीटी ने अमरनाथ को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश देते हुए कहा कि यह इलाका पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इस इलाके में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए। इस बीच इस पर विवाद भी तेज हो गया है और केंद्र की सरकार पर काबिज बीजेपी ने इसे एंटी-हिंदू अजेंडा करार दिया है।
एनजीटी का आदेश
एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आदेश देते हुए कहा कि अमरनाथ में घंटियां नहीं बजनी चाहिए। इसके अलावा यात्रियों को मोबाइल फोन और अन्य सामान ले जाने की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, ‘श्राइन बोर्ड को यह ध्यान रखना चाहिए कि वहां स्टोर रूम बनना चाहिए, जहां लोग अपने सामान को जमा करा सकें।’ यही नहीं एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि श्राइन बोर्ड को यह तय करना चाहिए कि लोग आखिरी चेक पोस्ट से अमरनाथ गुफा तक एक ही लाइन में जाएं।
Also Read : अमजद अली, सोमा घोष ने उज्जैन में मौन तीर्थ पर दी शानदार प्रस्तुति
बीजेपी ने कहा, एनजीटी चला रहा एंटी-हिंदू अजेंडा
इस बीच इस पूरे मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है और बीजेपी ने इसे एंटी-हिंदू अजेंडा करार दिया है। पार्टी के दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने कहा, ‘जिस तरह से एनजीटी के बयान हिंदुओं के खिलाफ आते हैं, हम उसके विरोध में हैं। अब अमरनाथ यात्रा को लेकर कहा गया है कि आप वहां जयकारे नहीं लगा सकते हैं, आप वहां मंत्रोच्चार नहीं कर सकते हैं।’
‘एक ही धर्म के माइक से दिक्कत क्यों?’
बग्गा ने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा, ‘यदि आप वहां मंत्र ही नहीं उच्चारित कर सकते तो फिर यह यात्रा कैसे हुई। एनजीटी की ओर से एंटी-हिंदू अजेंडा चलाया जा रहा है। यह एंटी-हिंदू है। हम अमरनाथ यात्रा जाएंगे और मंत्र भी पढ़ेंगे। यदि आपको माइक से दिक्कत है तो फिर एक धर्म के ही माइक से दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’
साभार- नवभारत टाइम्स