सीरिया हमले को लेकर रुस-अमेरिका आमने-सामने, संयुक्त राष्ट्र में गूंजा मामला

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सीरिया के वायुसेना अड्डे पर मिसाइल हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और रुस के बीच टकराव शुरू हो गया है।  अमेरिका ने जहां इस मसले पर और अधिक कार्रवाई की चेतावनी दी वहीं रुस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसकी आक्रामक कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।

सीरिया सरकार द्वारा अपने शयरात वायुसेना अड्डे से रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किये जाने की प्रतिक्रिया में अमेरिका ने इसी वायुसेना अड्डे के अंदर 59 टॉमहैंक क्रूज मिसाइलों को उतारा था, जिसके बाद सीरिया में स्थिति को लेकर 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की 6 अप्रैल को आपात बैठक हुई।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत एवं इस महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष निक्की हेली ने अमेरिकी मिसाइल हमलों को बिल्कुल उचित ठहराया। निक्की ने कहा हमारी सेना ने उस वायुसेना अड्डे को तहस नहस कर दिया है जहां से इस सप्ताह रासायनिक हमले किये गये।

ऐसा करना हम बिल्कुल उचित मानते हैं.’ उन्होंने कहा अमेरिका ने बीती रात बेहद नपा तुला कदम उठाया। इस सिलसिले में हमलोग और कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। लेकिन हमें उम्मीद है कि ऐसा करना जरुरी नहीं होगा। उन्होंने कहा असद शासन का नैतिक कलंक अब अधिक समय तक अनुत्तरित नहीं रह सकता।

मानवता के खिलाफ उनका अपराध अब महज खोखले शब्दों से पूरा नहीं किया जा सकता। समय आ गया है कि हम ये कहें अब बस… बहुत हुआ’, लेकिन इसे सिर्फ कहें ही नहीं बल्कि इसे कर के दिखायें। ताकि बशर अल-असद निश्चित तौर पर फिर कभी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल न करे। फिलहाल रुस ने अमेरिका की आलोचना करते हुए सीरियाई क्षेत्र में अमेरिकी मिसाइल हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन एवं गुस्से की कार्रवाई’ बताया है।

संयुक्त राष्ट्र में रुस के उप राजदूत व्लादिमीर सैफ्रोंकोव ने कहा हमलोग अमेरिका की इस अनुचित कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। इसके नतीजे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिये बेहद घातक हो सकते हैं।

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