ओरेकल कंपनी की को-सीईओ का मानना, भारत के साथ बिजनेस से कर सकते हैं विश्व की सेवा

0

दुनिया में सबसे ज्याद सैलरी पाने वाली महिलाओं में नंबर एक पर ओरेकल की को-सीईओ साफ्रा काट्ज है। साफ्रा काट्ज को कुल मिलाकर सालाना 380 करोड़ रुपए के बराबर राशि वेतन-भत्तों और बोनस के रूप में मिलती है।

बता दें कि साफ्रा काट्ज का अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ अच्छे संबंध हैं। साफ्रा काट्ज ने चुनाव के दौरान ट्रंप की तरफ से खुलकर सामने आई थी। साफ्रा का जन्म 1 दिसंबर, 1961 को इजरायल के होलोन शहर में हुआ था। छह वर्ष की उम्र में अपने पैरेंट्स के साथ वे अमेरिका आ गई थीं। उनकी पूरी एजुकेशन अमेरिका में हुई।

साफ्रा काट्ज़ भारत को ओरेकल कंपनी के लिए इंटेलेक्चुअल कैपिटल का बहुत बड़ा सोर्स मानती हैं। उन्होंने इंडियंस की प्रतिभा की कई बार तारीफ की है। साफ्रा भारत में अपनी कंपनी का कामकाज बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं। उनका कहना है कि भविष्य में ओरेकल के 1.30 लाख कर्मचारियों में से 40 हजार का बेस भारत होगा।

साफ्रा ने एलान किया था कि भारत से हम विश्व की सेवा करेंगे। उन्होंने नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं की तारीफ भी की थी।साफ्रा ने 1997 में गल तिरोश से शादी की थी, जो उनकी तरह इजरायली मूल के हैं। इस दंपती के दो बेटे हैं- गैरी और स्कॉट।

साफ्रा के पति गल आमतौर पर घर में रहते हैं और बच्चे संभालते रहे हैं। वे राइटर हैं। साफ्रा का कहना है कि पति की वजह से उन्हें अपना करियर संवारने में काफी मदद मिली। बकौल साफ्रा- यदि मीटिंग देर तक चलती थी, तो मुझे बच्चों को डे-केयर से लेने भागना नहीं पड़ता था। उनके पति यह काम करते थे। गल तिरोश फुटबॉल कोच भी हैं।

साफ्रा भले ही हाईएस्ट पेड फीमेल सीईओ हैं और उन्हें 380 करोड़ रुपए के बराबर सैलरी मिल चुकी है, लेकिन अपने पुरुष समकक्ष की तुलना में वे बहुत पीछे हैं। ब्लूमबर्ग पे-इंडेक्स में ओवरऑल लिस्ट में वे 18वें नंबर पर थीं। यानी उनसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सभी 17 लोग पुरुष थे। यही नहीं, लिस्ट में पहले नंबर पर रहने वाले पुरुष और पहले नंबर पर रहीं महिला साफ्रा के वेतन में काफी अंतर है। 2015 में कैंसर रिसर्च फर्म नैटक्वेस्ट इंक. के फाउंडर और सीईओ पैट्रिक सून-शिआंग पहले नंबर पर थे।

उनकी 2202 करोड़ रुपए सैलरी के मुकाबले साफ्रा पांच गुना से भी ज्यादा पीछे रहीं।साफ्रा काट्ज़ लॉ ग्रैजुएट हैं। उन्होंने पेन्सिल्वेनिया लॉ स्कूल से कानून में डिग्री ली है। इसके अलावा वे हार्वर्ड लॉ स्कूल में भी पढ़ी हैं। अपनी इन डिग्रियों के चलते साफ्रा को कानून और पॉलीसीज की अच्छी समझ है। कंपनीज का कारोबार सरकारी नीतियों और कानूनों के आधार पर चलता है। इस तरह साफ्रा को अपनी एजुकेशन का फायदा सॉफ्टवेयर कंपनी को लीड करते हुए भी मिलता है।

कानून और नीतियों की समझ के चलते ही डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है।साफ्रा काट्ज ने 1986 में अपना करियर बैंकर के रूप में शुरू किया। डोनाल्डसन नामक इस फर्म में वे 1999 तक रहीं। उसी साल उन्होंने सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर ओरेकल ज्वॉइन किया। 2001 में उन्हें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया।

2004 में वे कंपनी की प्रेसिडेंट बनीं। 2005 में ओरेकल द्वारा प्रतिद्वंद्वी कंपनी पीपुलसॉफ्ट को खरीदने के पीछे साफ्रा की बड़ी भूमिका थी। 2010 में मार्क हर्ड उनके साथ को-प्रेसिडेंट बनाए गए। फिर 2014 में जब ओरेकल के फाउंडर लैरी एलिसन ने सीईओ पद छोड़ा, तो साफ्रा और मार्क को संयुक्त रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

साफ्रा काट्ज कंपनी की सीएफओ भी हैं।साफ्रा का मानना है कि जब काम बोलता है, तो व्यक्ति को खुद कुछ बोलने की जरूरत नहीं रहती। इसलिए वे प्रचार से दूर ही रहती हैं। स्पॉटलाइट से दूर रहने वाली साफ्रा को कैमरा शाइ माना जाता है, लेकिन इस सबसे दूर रहकर वे अपने काम पर ध्यान देती हैं। शायद यही वजह है कि वे एक साथ इतने सारे रोल निभा पाती हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More