पलायन है सच…या फिर सियासत?
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने अभी तक केंद्र को यह नहीं बताया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना का मामला आखिर क्या है? दरअसल कई दिनों से मीडिया में उत्तर प्रदेश के कैराना को लेकर अलग अलग तरह की खबरें चल रही हैं। कुछ खबरों के मुताबिक वहां से कई हिंदू परिवारों ने पलायन किया है, जबकि कुछ अन्य रिपोर्टों के मुताबिक ये बात सही नहीं है।
क्या है मामला?
भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने एक लिस्ट जारी कर दावा किया है कि बीते दो साल में कैराना में सांप्रदायिक हिंसा के चलते बड़े पैमाने पर 346 परिवारों ने पलायन किया है। जबकि यूपी सरकार ने 346 में से 119 परिवारों का सर्वे किया तो पता चला कि बीते दो साल में केवल 13 परिवारों ने ही पलायन किया।
पड़ताल में खरे नहीं उतरे दावे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार की तैयार की गई रिपोर्ट कहती है कि लिस्ट में शामिल 68 परिवार 10 से 15 साल पहले कैराना छोड़कर हरियाणा, दिल्ली, और गुजरात में जाकर शिफ्ट हो गए। इसके अलावा करीब चार ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने जिले को 20 साल पहले ही छोड़ दिया। इसमें से एक ने राज्य सरकार की नौकरी छोड़कर नोएडा में सेटल हो गया। वहीं, हुकुम सिंह की लिस्ट में चार नाम ऐसे भी हैं जिनकी मौत हो चुकी है।
प्रशासनिक विफलता का नतीजा
अपने नए बयान में हुकुम सिंह ने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता का नतीजा है। उन्होंने माना की उनकी लिस्ट में कुछ गड़बड़ी हो सकती है और अगर यह सच साबित होता है तो उन्हें माफी मांगने से भी परहेज नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लिस्ट उनके कार्यकर्ताओं ने तैयार की थी और अगर प्रशासन को इसमें कोई गलती लगती है तो वह अपनी लिस्ट जारी करें और जब तक नई लिस्ट सामने नहीं आ जाती वह अपने 346 लोगों की लिस्ट पर कायम हैं।
हिन्दू-मुस्लिम समस्या नहीं
हुकुम सिंह ने कहा कि इस मामले को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। कैराना में हिन्दू-मुस्लिम समस्या नहीं है। असल में कैराना में अपराधियों का आतंक है। कैराना में पुलिस प्रशासन पूरी तरह विफल है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी ईमानदारी से काम करते को अपराधी एक महीने से ज्यादा नहीं टिकने देते। समाजवादी पार्टी की सरकार के नेताओं की बात सुनने वाला ही अधिकारी यहां रहेगा।
एक और लिस्ट
कैराना में लोगों के पलायन को लेकर भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने एक और लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कैराना विधानसभा के कांधला कस्बे से 63 लोगों के नाम है। पहले मुसलमानों के डर से हिंदुओं के पलायन का आरोप लगाने वाले सिंह ने अब सफाई देते हुए कहा है कि यह पूरा मामला सांप्रदायिक नहीं बल्कि क्राइम से जुड़ा हुआ है।
346 परिवारों की सूची के मुताबिक 119 परिवारों की जांच हो चुकी है। इनमें से 58 परिवार ऐसे हैं, जो व्यवसाय के कारण से यहां से गए हैं। जबकि 30 से 35 परिवार ऐसे हैं जिन्हें पलायन को पांच वर्ष हुए हैं। जबकि पांच मृतक मिले हैं, इनमें एक-दो को छोड़कर अन्य के परिवार कैराना में ही रह रहे हैं। सूची के सत्यापन की क्रॉस जांच कराई जा रही है। एक दो दिन में जांच पूरी हो जाएगी।
-सुजीत कुमार, डीएम, शामली
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