हिंसा, हंगामे के बीच यूपी निकाय चुनाव का दूसरा चरण 52 फीसदी वोटिंग पर सम्पन्न
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच 25 जिलों में मतदान सम्पन्न हो गया। इनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्रों के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का पैतृक शहर इटावा भी शामिल है। इस चरण में नोएडा, लखनऊ, नोएडा, रामपुर जैसे जिले भी थे। मतदान शुरू में धीमा रहा जो दिन चढ़ते तेज हो गया। निकाय चुनाव आयुक्त के अनुसार, कुल करीब 52 फीसदी वोटिंग हुई है।
दूसरे चरण में 25 जिलों की 189 नगरीय निकायों के 3790 पदों के लिए 24622 प्रत्याशी उम्मीदवार हैं। इसमें 6 नगर निगम, 51 नगर पालिका और 132 नगर पंचायते हैं।
बीएसपी प्रत्याशी के समर्थकों की पिटाई
लखनऊ में बीएसपी प्रत्याशी के समर्थकों की पिटाई हुई जिसमें 4 लोगों को हिरासत में लिया गया। अलीगढ़ में मतदान के समय पत्थरबाजी हुई तो फर्रुखाबाद में प्रत्याशी ने तमंचा लहराया जिनकी फोटो सीसीटीवी में कैद हो गयी।
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इतना ही नहीं, मतदान में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कलराज मिश्र और पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह मतदाता सूची में गड़बड़ी का शिकार हो गये। वोट डालने मतदान केन्द्र पहुंचे श्री मिश्र को मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण मताधिकार का प्रयोग किये बिना वापस होना पड़ा जबकि रिवर व्यू अपार्टमेंट के निवासी पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण वोट डालने नहीं गये।
गाजियाबाद में लिस्ट से लोगों के नाम गायब
गाजियाबाद में वोटर लिस्ट से लोगों के नाम गायब होने से उन लोगों ने काफी हंगामा किया। इस तरह की कई शिकायते कैलाभट्टा क्षेत्र में भी मिली। जहां परिवार के 5 सदस्यों में से 3-4 लोगों के नाम गायब थे।
वार्ड-95 में प्रेम नगर कैला भट्टा में मौजूद दूधेश्वर नाथ मंदिर परिसर में रहने वाले भक्तों व परिवार के सभी वोट काट दिए गए। मंदिर परिसर में करीब 150 वोट हैं। जो नहीं डाले जा सके। इसके साथ-साथ कई जगहों पर फर्जी मतदान की शिकायत भी मिली।
राजधानी लखनऊ बगैर वोट डाले लौटे लोग
देवरिया के सांसद श्री मिश्र राजधानी लखनऊ में महानगर विस्तार स्थित एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे मगर मतदाता सूची में नाम न होने के कारण उन्हें बगैर वोट डाले लौटना पड़ा।
यह चुनाव पुलिस और सुरक्षाबलों के कड़े इंतेजामों के बीच हुआ। कहीं ईवीएम मशीन खराब मिले तो कहीं मतदान होने में अन्य परेशानियां भी आई। हंगामा तो एक दर्जन जगह पर हुए।
https://youtu.be/bkgmKTtkg1A
सुरक्षाबलों की कड़ी निगरानी के अलावा ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी गई। पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा ड्रोन कैमरे उड़ाए गए और उसके माध्यम से अराजकतत्वों द्वारा किसी प्रकार से मतदान में कोई बाधा न उत्पन्न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया।
https://youtu.be/i7V8Kc4gl1o
इसके साथ-साथ कई जिलों में कई मंत्रियों ने अपना मतदान किया और साथ ही कई मशहूर फिल्मी हस्तियों ने भी अपने वोट डाले।
समाजवादी पार्टी के गढ़ मैनपुरी में भाजपा की जैसे परीक्षा थी। पूरे प्रदेश में 325 विधानसभा सीटें जीतने वाली भाजपा मैनपुरी जिले में केवल एक ही सीट जीत सकी थी। ऐसे में यहां निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
22 लाख मतदाताओं ने मताधिकार का किया प्रयोग
रविवार को गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा नगर निगम समेत नौ निकायों में सवा 22 लाख मतदाताओं ने अपनी सरकार चुनने के लिए मताधिकार का प्रयोग किया।
इस बीच रामपुर में वोट देने के लिए पहुंचे समाजवादी पार्टी के विधायक नसीर खान को भी बिना वोट दिये लौटना पड़ा क्योंकि मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था।