‘अवैध सिगरेट के व्यापार से लड़ाई का खर्च उठाएंगे फिलिप’
भारतीय सिगरेट बाजार के पांचवें हिस्से पर काबिज अवैध सिगरेट पर, एक वैश्विक तंबाकू प्रमुख ने कहा है कि वह अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई के लिए समर्पित तीसरे पक्ष की परियोजनाओं के समर्थन के लिए वैश्विक पहल के तहत 10 करोड़ डॉलर के प्रस्तावों को वित्त पोषित करेंगे।
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पीएमआई प्रभाव पहल की स्थापना की है
मार्लबोरो सिगरेट के निर्माता फिलिप मोरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) ने अवैध व्यापार और उससे जुड़े अपराध जैसे की भ्रष्टाचार, नियोजित अपराध और धन शोधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अभियान को समर्थन करने के लिए पीएमआई प्रभाव पहल की स्थापना की है।
वित्त पोषण चरण में 200 प्रस्तावों में 32 परियोजनाओं को चुन लिया गया
कंपनी ने एक बयान में कहा, निजी, सार्वजनिक और गैर सरकारी संगठनों से आवेदन जमा कराने के लिए आमंत्रित किया गया है, ताकि वह पीएमआई प्रभाव के दूसरे चरण के तहत वित्त पोषित कर सकें। पीएमआई ने प्रतिभूत किया कि पीएमआई प्रभाव के तीन निधि चरण के तहत 10 करोड़ डॉलर देगा। इस पहल के पहले वित्त पोषण चरण में 200 प्रस्तावों में 32 परियोजनाओं को चुन लिया गया है।
समाधान और अभिनव कार्यो को प्रोत्साहित करता है
फिलिप मोरिस इंडिया, कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक आर. वेंकटेश ने कहा, “पीएमआई प्रभाव रचनात्मक समाधान और अभिनव कार्यो को प्रोत्साहित करता है जो अवैध व्यापार के खिलाफ उन्नत वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
सिगरेट के अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर रहा
वेंकटेश ने कहा, “भारत में, पीएमआई पिछले दशक से विधि प्रवर्तन और जांच एजेंसियों के साथ मिलकर सिगरेट के अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर रहा है।फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के एक आकलन के मुताबिक, भारत में सिगरेट की कुल बिक्री का करीब 20 फीसदी अवैध व्यापार होता है।
पीएमआई प्रभाव विशेषज्ञ परिषद की सदस्य एलिन जुएलेट ने कहा…
पीएमआई प्रभाव विशेषज्ञ परिषद की सदस्य एलिन जुएलेट ने कहा, “हम आवेदनों को प्राप्त करना चाह रहे ताकि प्रस्तावों के जरिए हम निजी और सार्वजनिक संगठनों को दुनिया भर में इस बढ़ती चिंता के खिलाफ लड़ाई में अपने ज्ञान और दक्षता में सुधार करने में मदद कर सकें।
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