70 की उम्र में भी जीत रहे हैं दनादन ‘मेडल’
किसी भी काम को करने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है। इस बात की मिसाल पेश कर रहे हैं 70 साल के धावक मदन लाल चितकारा। मदन लाल ने अपनी जवानी के दिनों में कभी भी नहीं दौड़े थे। लेकिन मदन जब नौकरी से रिटायर हुए तो उनके मन में खुछ अलग करने की इच्छा जागी और उन्होंने एथलेटिक्स ट्रेक पर दौड़ने का फैसला किया।
एयरफोर्स से हो चुके हैं रिटायर
मदन लाल उन युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन रहे हैं जो एथलेटिक्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं। मदन लाल न सिर्फ ट्रैक पर दौड़ते हैं बल्कि मेडल भी जीतते हैं। जब वो मैदान पर होते हैं तो बताते हैं कि उनके अंदर एक गजब की शक्ति का संचार होने लगता है। नाम मदन लाल चितकारा, उम्र 79, एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद दोस्त के साथ एथलेटिक्स स्टेडियम में सैर करने पहुंचे। वहां अपने दोस्तों को ट्रैक पर दौड़ते और अन्य इवेंट में हिस्सा लेते देख इन्हें भी खेलों में खुद को फिट रखने की इच्छा जगी।
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साल 1999 में वॉक इवेंट में लिया था हिस्सा
साल 1999 में वॉक इवेंट में हिस्सा लेकर प्राइज क्या जीता। उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। देश-विदेश में वेटरंस खेलों के विभिन्न इवेंटों में हिस्सा लेकर 60 से अधिक मेडल अपने नाम कर चुके हैं।
युवाओं को कर रहे प्रोत्साहित
थाईलैंड में 2010 में मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पांच किमी वॉक में गोल्ड जीतने वाले मदन लाल भले ही जवानी में किसी खेल प्रतिस्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन आज वह बच्चों को स्कूल लेवल से ही खेल प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
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