मर्केल ने जीता चौथा कार्यकाल : एग्जिट पोल
जर्मनी की निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल के नेतृत्व वाली क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) पार्टी ने रविवार को हुए संघीय चुनाव में एक बार फिर बाजी मार ली है। प्रारंभिक एक्जिट पोल के मुताबिक, उनकी पार्टी को 32.5 फीसदी वोट मिले हैं। मीडिया के मुताबिक, हालांकि, पार्टी को मिले वोट उम्मीदों से कम ही हैं। उन्हें 2013 के संसदीय चुनाव में मिले वोट से नौ प्रतिशत अंक कम मिले हैं।
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चांसलर पद पर बनी रहेंगी और नया मंत्रिमंडल बनाएंगी
पोल के मुताबिक, यूरोपीय संसद के पूर्व अध्यक्ष मार्टिन शूल्ज के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) को भी भारी झटका लगा है और उन्हें सिर्फ 20 फीसदी वोट मिले हैं, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से पार्टी के सबसे खराब चुनावी नतीजे हैं।2013 में हुए संघीय चुनाव में मर्केल की कंजर्वेटिव सीडीयू पार्टी को बावेरियन क्रिश्चियन सोशल यूनियन (एससीयू) पार्टी के साथ 41.5 फीसदी वोट मिले थे।उम्मीद से कम वोट हासिल करने के बावजूद, सीडीयू और सीएसयू को मिले नतीजों से अब भी मर्केल के चौथी बार चांसलर बनने की संभावना है। सीडीयू के वरिष्ठ अधिकारी वोल्कर कॉडर ने कहा कि पार्टी उम्मीदों पर खरी उतरी है और मर्केल चांसलर पद पर बनी रहेंगी और नया मंत्रिमंडल बनाएंगी।
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नागरिकों को हितों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता जताई
प्रारंभिक एग्जिट पोल के बाद मर्केल ने टेलीविजन संबोधन में अपने समर्थकों को बताया, “हमारे पास सरकार बनाने का स्पष्ट जनादेश है और हमारे बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती।”मर्केल ने अच्छी नीतियों के जरिए दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फ्यूर ड्यूट्सलैंड (एएफडी) के मतदाताओं का समर्थन वापस पाने का भी वादा किया। उन्होंने अवैध आव्रजन से निपटने और नागरिकों को हितों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता जताई।
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गठबंधन सरकार का गठन करने की कोई इच्छा नहीं
शूल्ज ने कहा कि यह चुनाव एसपीडी के लिए ऐतिहासिक दुर्घटना रही है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी थॉमस ओपरमना ने कहा कि शूल्ज इसके बावजूद पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे।शूल्ज ने कहा कि उनकी पार्टी की कंजर्वेटिव यूनियन के साथ गठबंधन सरकार का गठन करने की कोई इच्छा नहीं है। एएफडी ने रविवार को पांच फीसदी वोट की दहलीज को पार किया और पहली बार संसद पहुंची। पार्टी को लगभग 13.5 फीसदी वोट मिले हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को हुआ मतदान प्रतिशत 75 फीसदी रहा, जबकि 2013 में यह 71.5 फीसदी था।
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