गुजरात में 150 सीटें जीतेंगे : अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष (president) अमित शाह ने कहा कि भाजपा गुजरात में 150 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में विकास के मुद्दे के साथ चुनाव लड़ेगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा, “गुजरात में हम 150 से ज्यादा सीटें प्राप्त करेंगे, ये तय है। हम विकास के मुद्दे के साथ चुनाव लड़ेंगे। गुजरात की कानून व्यवस्था और वहां का विकास दोनों बहुत बड़े मुद्दे हैं।”
अपनी क्षमता के अनुसार बहुत ऊपर तक पहुंचे हैं
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “भाजपा किसी घराने की पार्टी नहीं है। पार्टी में केवल मैं नहीं हूं, बहुत सारे कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने छोटी-छोटी जिम्मेदारियां निभाई हैं और आज अपनी क्षमता के अनुसार बहुत ऊपर तक पहुंचे हैं।”
तेज होती है युवाओं को प्रेरणा मिलती है
शाह ने देश के दो तिहाई राज्यों में सत्ता के सवाल पर कहा, “निश्चित तौर पर यह एक बड़ी उपलब्धि है। भाजपा चुनावी तौर पर सबसे ज्यादा सफल आज है। लेकिन ये तीन साल का फल नहीं है। 1950 से ढेर सारे नेताओं ने अपना जीवन पार्टी के लिए लगाया है।”बुलेट ट्रेन पर उन्होंने कहा, “यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि विकास हो रहा है तो उसका वातावरण भी बनाना बहुत जरूरी है। इससे विकास की गति तेज होती है युवाओं को प्रेरणा मिलती है।”
मैंने यादव कार्यकर्ता के घर भोजन किया था
शाह ने कहा, “मैं कार्यकर्ता के घर पर एक भोजन रखने का आग्रह जरूर करता हूं। चाहे वो दलित हो गरीब हो आदिवासी या कोई भी कार्यकर्ता हो। उप्र में मैंने यादव कार्यकर्ता के घर भोजन किया था। राजनीति करने वाले करते रहें, पर ये मेरा नित्य कर्म है।”
रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति चाहते हैं
ममता बनर्जी बंगाल में मुस्लिम तुष्टीकरण कर रही हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “कई सारे ऐसे कदम हैं, जिनको हम स्पष्ट तौर पर कह सकते हैं कि तुष्टीकरण हो रहा है। केरल और बंगाल में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे लगता है कि इसका जवाब बंगाल और केरल की जनता को देना है कि वो हिंसा की राजनीति चाहते हैं या रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति चाहते हैं।”
वो 1989 के बाद से आज तक नहीं हुई
कश्मीर हालात पर शाह ने कहा, “कश्मीर में उस वक्त भी परिस्थितियां हाथ से नहीं निकलीं थी, आज भी नहीं निकली हैं और भविष्य में भी नहीं निकलेगी। तीन साल में जितनी कठोर कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ हुई है वो 1989 के बाद से आज तक नहीं हुई।”
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