जरा… इस घोटाले पर भी ध्यान दीजिये योगी जी!
यूं तो योगी सरकार में सब कुछ बदल जाने का दावा (claiming ) किया जा रहा है, लेकिन भदोही में सरकारी धन के दुरुपयोग और घोटाले के मामले में एक भी बड़ी कार्रवाई नहीं होना तंत्र पर सवालिया निशान लगा रहा है। ऐसा ही एक मामला डीघ ब्लाक के मरसड़ा गांव का सामने आया है।
अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई
प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी उजागर होने और ग्राम प्रधान के दोषी पाए जाने के बाद भी अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
15 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया था
विकास खंड डीघ के मरसड़ा गांव में नाली, नहर नाली, खड़ंजा, शौचालय, तालाब की खुदाई और आवास में लाखों रुपये की गड़बड़ी प्रारंभिक जांच में सामने आई है। इसके अलावा डीएम बिशाख जी को इस गांव में 17 लाख तीस हजार 206 रुपये की गड़बड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में मिली है। इस पर 15 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन यह आज तक नहीं मिला।
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कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है
हालांकि डीपीआरओ अनिल कुमार त्रिपाठी से सीडीओ हरिशंकर सिंह ने जांच पत्रावली को तलब कर लिया है। बावजूद इसके इस मामले में अभी तक तीन सदस्यीय समिति का गठन नहीं होना जांच अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है।
मामले में जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है
डीघ ब्लाक के मरसड़ा गांव के ग्राम प्रधान हरिराम यादव ने चुनावी हलफनामे में पत्नी के खाते खुलने तक का जिक्र नहीं किया है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद चुनाव से पहले का खाता खोलने और चुनाव बाद उसमें लाखों रुपये जमा करने की सच्चाई सामने आ चुकी है। इतना ही नहीं, अपने बेटे, भाई आदि के नाम हजारों का चेक काटने तथा दलितों के आवास का पैसा हड़पने का मामला भी सबूत के साथ सामने आ चुका है। देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है।
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