जाने, चीन कैसे बना बुलेट ट्रेन का बादशाह ?

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भारत में इन दिनो बुलेट ट्रेन को लेकर काफी चर्चा है और इन चर्चाओ को होना भी आम है क्योकि बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत दौरे पर आए  है और अपने साथ बुलेट ट्रेन की सौगात भी लेकर आये है

भारत किसी से पीछे नही…

भारत के प्रधान मंत्री मोदी ने शिजो को जोरदार स्वागत किया उन्हे भारत के कल्चर के बारे में बताया व उम्मीदो के परे उन्हे गुजरात की सीदी सैयद मस्जिद में भी लेकर गए और अगले दिन अहमदाबाद से मुंम्बई तक के मेट्रो रुट का शिलान्यास किया , यह भारत के लिए बड़ी सौगात है।

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जापान को पछाड चीन बना बुलेट ट्रेन का किंग…

यह जानना बेहद जरुरी है कि महज कुछ सालो में जापान को पछाड कर चीन कैसे बन गया बुलेट ट्रेन का किंग।

चीन का बुलेट ट्रेन नेटवर्क सबसे तेज रेलवे ट्रैक

चीन के दो बडे शहर शंघाई , दूसरा है  दूसरा बीजिंग एक कमर्शियल राजधानी दुसरा देश की राजधानी दोनो के बीच की दूरी है 1318 किलोमीटर है यह सफर तय करने के लिये 4 घंटे का समय लगता है ।

ज्यादा पुरानी नही है चीन की कहानी

बुलेट ट्रेन की बात करे तो सबसे पहले चीन का नाम आता आपको बताते चले चीन की बुलेट ट्रेन की कहानी ज्यादा पुरानी नही है 2003 में पहला ट्रैक बना था तब 250 की स्पीड से गाडी दौडती थी फिर भी इसे बुलेट ट्रेन का दर्जा नही दिया गया दुनिया 300 किलोमिटर से कम रफ्तार को बुलेट ट्रेन का दर्जा देने को तैयार नही है ।

सही मायनो में हाई स्पीड ट्रेन 450 किलोमिटर

चीन ने हाई स्पीड ट्रेन नेटर्वक में 2007 के बाद काफी निवेश किया है शंघाई की मैग्लेव ट्रेन 431 किलोमीटर की टॉप स्पीड तक पहुचती है

2009 में चीन ने किया चमत्कार

सबसे मुश्किल माना जाने वाला वुहान – गुआंगजू रुट को पूरा कर दिखाया इस रुट से हॉन्गकॉग तक जाया जा सकता है

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