बांग्लादेश की हालत सभ्य समाज को दहलाने के लिए है काफीः शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

0

वाराणसीः बांग्लादेश की हालत भयावह है क्योंकि जो खबरें आ रही है वहां से वह किसी भी सभ्य समाज को दहलाने के लिए काफी हैं. बांग्लादेश के अतीत और इतिहास के बारे में विस्तार से वर्णन करने की जरूरत नहीं है. केदारघाट स्थित श्री विद्या मठ में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बुधवार को बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर उक्त बातें कहीं.

इस दौरान बांग्लादेश से आए 12 हिंदूओं ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की जो वार्ता के दौरान मौजूद थे. उन्होंने कहा कि मैने बांग्लादेश से आए हुए सभी हिन्दुओं से बारी-बारी से बात की, सबने अपनी अपनी पीड़ा और अनुभव बताए. इस प्रतिनिधिमंडल में आए हुए लोग समाज के अलग अलग क्षेत्र, व्यवसायों से थे जिनमें से कइयों ने अपना बसेरा बांग्लादेश से दूर दुनिया के अलग अलग देशों में बसा रखा है. इन सब लोगों के बीच जो एक बात समान थी वह थी हिंदू होने के नाते उनका उत्पीड़न, उनकी संपत्ति की लूट, हत्या, आगजनी और उनकी बहन बेटियों के होने वाला पाशविक व्यवहार.

बांग्लादेश से आए इन हिंदुओं से मैने पूछा की आप लोग अपना धर्म क्यों नहीं बदल लेते जिससे आप की सभी विपत्तियां एक साथ समाप्त हो सकती हैं ? इस पर उनका उत्तर था की हम मरते दम तक इस्लाम स्वीकार करने के बारे सोच भी नहीं सकते. उनके इस उत्तर से मेरा मन भर आया, मैंने सोचा की बांग्लादेश के ये बहादुर हिंदू भारत के उन हिंदुओं से तो बहुत बेहतर है जो थोड़े से लालच में अपने पूर्वजों का मान बेच देते हैं, अपना धर्म बदल लेते हैं.

बांग्लादेश का मौहाल हृदय को द्रवित करने वाला

बांग्लादेश में जैसा इन हिंदुओं ने बताया जो कुछ हो रहा है वह अभूतपूर्व, भयावह, शर्मनाक और हृदय को द्रवित करने वाला है. वहां भारत के राष्ट्रीय ध्वज को जूते से रौंदते हुए हिंदुओं से कहा जा रहा है कि तुम सब अपने देश भारत चले जाओ. बांग्लादेश में तुम्हारी जगह नहीं है. सरकारी नौकरियों में काम करने वाले हिंदुओं को जबरदस्ती नौकरी से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ऐसी अपमान जनक स्थिति बनाई जा रही है की हिंदू नौकरी से स्वयं त्यागपत्र दे दे.

मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ की जा रही है पुजारियों की हत्याएं…

मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, चढ़ावे के पैसे को लूटा जा रहा है, पुजारियों की हत्याएं की जा रही है, रात के अंधेरे और दिन के उजाले में दरवाजों को खुलवा कर जबरदस्ती मां- बेटियों का अपहरण किया जा रहा है. उनके साथ दुराचार कर उन्हें मार दिया जा रहा है और यहां तक की मर जाने के बाद भी उनके साथ दुराचार किया जा रहा है. धर्मान्तरण के लिए उन पर भारी दबाव है और मना करने पर जान से मार देने के खतरा भी है.
पहले भी होती थी इस तरह की घटनाएं

इन लोगों ने बताया की यह स्थिति अनायास ही एक दिन में नहीं बनी, वर्षों से हिंदुओं के साथ बांग्लादेश में यह सब चल रहा है. पहले भी चुनाव हारने पर या फिर किसी भी छोटे बड़े कारणों से हिंदुओं की हत्या और उनके संपत्तियों की लूट पहले भी होती रही और कठमुल्ले उन्हें धर्म बदलने का दबाव पहले भी लगातार डालते रहे. मंदिरों को तोड़ना, उनकी की संपत्तियों की लूट की घटनाएं पहले भी होती थी पर जब से मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में सरकार के सलाहकार बन कर सत्ता में आए हैं तब से इन घटनाओं में कई गुना वृ‌द्धि हुई है जो अब दिन प्रतिदिन और ज्यादा भयावह होती जा रही है.

भारत का कोई राजनैतिक दल बोलने को तैयार नहीं…

भारत में कोई राजनैतिक दल बांग्लादेश के हिंदुओं की दुर्दशा पर बोलने के लिए तैयार नहीं है जबकि फिलिस्तीन और यूक्रेन पर सभी काफी मुखर है. उन्हें पश्चिम एशिया और यूरोप की चिंता है पर अपने पड़ोस में 80 साल पहले तक भारत का अंग रहे बांग्लादेशी हिंदुओं की फिक्र करने में भय लगता है.

बंग्लादेशी हिंदुओं की ये रहीं मांगें…

1. हिंदुओं के लिए बंगला देश में एक अलग राष्ट्र हो जो भारत की सीमा से लगते हुए क्षेत्र के पास हो या फिर हिंदुओ के लिए स्वायत्त सेफ जोन जिसमें बांग्लादेश सरकार का ज्यादा दखल न हो.

2. भारत और बांग्लादेश के बीच आबादी की अदला बदली जिसने बांग्लादेश की हिंदू आबादी भारत में और उसी के अनुपात में सुविधाजनक रूप में मुस्लिम आबादी का बांग्लादेश को भेजा जाए.

3. नागरिकता संशोधन कानून के अधीन नियत तारीख के पूर्व तक भारत में निवास करते रहने की बाध्यता को समाप्त करके इसे सदा के लिए खोल दिया जाए जिससे नियत देशों से कभी भी भारत आने वाला हिंदू जो भारत की नागरिकता की मंशा जाहिर करे वह भारत का नागरिक बन सके.

4. दुनिया में कहीं भी जन्म लेने वाले हिंदू को स्वाभाविक रूप से भारत का नागरिक माना जाए जैसा की इजरायल में होता है.

5. बांग्लादेश केवह हिंदू जो 5 अगस्त 2024 के पहले भारत में वीजा पर आए थे और वीजा अवधि खत्म होने के बाद वापस बांग्लादेश लौटने पर विवश हों उनकी वीजा अवधि को तब तक बढ़ाया जाए जब तक बांग्लादेश में स्थिति सामान्य न हो जाए.

6. जबरदस्ती रोजगार और नौकरी से निकाले गए हिंदुओ के लिए रोजगार की व्यवस्था हो जिससे कि हिंदू सम्मानपूर्ण तरीके से अपनी जीविका कमा सकें.

7. बांग्लादेश में हिंदुओं के समर्थन और सहयोग के लिए वस्तुस्थिति के मूल्यांकन के लिए शंकराचार्य पीठ की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल का भेजा जाना चाहिए जो बांग्लादेश के हिंदुओं का मनोबल बढ़ा सके.

और यह भी की इतने प्रयासों मात्र से हिंदुओं के हृदय का क्षोभ और पीड़ा कम होने वाली नहीं है पर प्रयासों को कहीं से तो शुरू करना होगा.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More